बीपीएससी से बहाल शिक्षक शिक्षिकाओं में से 93 के योगदान की पटना में स्पेशल टीम से जांच
बीपीएससी प्रथम चरण पूरक और द्वितीय चरण में बहाल शिक्षक शिक्षिकाओं में से 93 की योगदान प्रक्रिया अब तक पूरी नहीं की जा सकी है.
बेतिया. बीपीएससी प्रथम चरण पूरक और द्वितीय चरण में बहाल शिक्षक शिक्षिकाओं में से 93 की योगदान प्रक्रिया अब तक पूरी नहीं की जा सकी है. जबकि इनके अधूरे योगदान प्रपत्र पूरा करने की अंतिम तिथि विभाग से 31 मार्च 2024 निर्धारित की गई थी.इसी समय सीमा के अंदर ही संबंधित प्रधानाध्यापक को भी जिला शिक्षा कार्यालय के स्थापना संभाग में अचूक रूप से जमा करा देने का आदेश था. ऐसा नहीं हो पाने पर विभागीय अपर मुख्य सचिव के के पाठक के द्वारा कड़ा रुख अख्तियार करने के बाद पूरे जिले में मानो खलबली मच गई है. स्थापना संभाग के डीपीओ योगेश कुमार ने बताया कि अब पटना के नया सचिवालय स्थित विभाग के प्रांतीय कार्यालय में इसके लिए गठित स्पेशल टीम इन में से एक एक की जांच करेगी. डीपीओ श्री कुमार ने बताया कि विगत 31 मार्च 2024 तक अपनी योगदान की प्रक्रिया पूरी कर लेने का आदेश था. वही योगदान प्रपत्र को संबंधित प्रधानाध्यापक के द्वारा जिला शिक्षा कार्यालय के स्थापना प्रशाखा में अचूक तौर पर जमा करा देना था. ऐसा नहीं कर सके शिक्षक-शिक्षिकाओं को अब विभाग ने पटना में तलब किया है. विभिन्न प्रखंडों के 93 शिक्षक शिक्षिकाओं को शनिवार 13 अप्रैल को पटना में गठित जांच समिति के समक्ष प्रस्तुत होने का आदेश जिला शिक्षा कार्यालय से जारी हुआ है. डीपीओ स्थापना संभाग ने बताया कि विभागीय जांच दल संपूर्ण कागजातों की जांच के बाद इन सब में से एक एक का बायोमेट्रिक सत्यापन भी करेगा. इस प्रक्रिया से गुजरने के बाद ही अब इनका स्वीकार योगदान स्वीकार हो सकेगा. इस आदेश को लेकर जिला शिक्षा कार्यालय से लेकर विभिन्न प्रखंडों में चर्चाओं का बाजार गर्म है. क्योंकि विभाग स्तर से इन सभी शिक्षक शिक्षिकाओं के योगदान संबंधी अभिलेखों में त्रुटियों का निराकरण अंतिम रूप से बीते 31 मार्च 2024 तक में ही कर लेना विभाग से अनिवार्य बताया गया था. ऐसा नहीं हो पाने पर इन सबको अब पटना में स्पेशल जांच टीम के सामने प्रस्तुत होने का आदेश अपर मुख्य सचिव केके पाठक के स्तर से जारी किया गया है.