धावा दल को रखें एक्टिव और नियमित रूप से करायें छापेमारी : डीएम
जिलाधिकारी दिनेश कुमार राय की अध्यक्षता में शुक्रवार को समाहरणालय सभाकक्ष में बाल एवं किशोर श्रम (प्रतिषेध एवं विनियमन) के लिए गठित जिला टास्क फोर्स तथा जिला बाल कल्याण एवं संरक्षण समिति की बैठक सम्पन्न हुई.
बेतिया. जिलाधिकारी दिनेश कुमार राय की अध्यक्षता में शुक्रवार को समाहरणालय सभाकक्ष में बाल एवं किशोर श्रम (प्रतिषेध एवं विनियमन) के लिए गठित जिला टास्क फोर्स तथा जिला बाल कल्याण एवं संरक्षण समिति की बैठक सम्पन्न हुई. बैठक में एजेंडावार विभिन्न बिन्दुओं पर चर्चा हुई. जिसमें धावादल निरीक्षण, विमुक्त बाल श्रमिक, सीएलटीएस में इंट्री, विमुक्त बाल श्रमिकों का सीएमआरएफ, विमुक्त बाल श्रमिकों को तत्काल सहायता, एफडी पूर्ण होने पर भुगतान, नन-कैश कम्पोनेंट, भौतिक सत्यापन सहित अन्य विषय शामिल हैं. इस दौरान जिलाधिकारी ने कहा कि बच्चों के कल्याण एवं उत्थान के लिए पूरी संवेदनशीलता के साथ समन्वय स्थापित कर कार्य करें. नियमित रूप से होटलों, ढ़ाबों, प्रतिष्ठानों, दुकानों, मोटर गैराजों आदि पर नजर रखी जाय. धावा दल को एक्टिव रखा जाय और नियमित रूप से छापेमारी कराना सुनिश्चित किया जाय. उन्होंने कहा कि विमुक्त हुए बच्चों एवं किशोरों को सरकार द्वारा देय सुविधाएं ससमय दिलाना सुनिश्चित किया जाय. विमुक्त हुए बच्चों को सरकारी योजनाओं से लाभान्वित करने के लिए तत्परता दिखायी जाय. जिलाधिकारी द्वारा श्रम अधीक्षक तथा श्रम प्रवर्तन पदाधिकारियों को निर्देश दिया गया कि जिलास्तर, अनुमंडलस्तर, प्रखंडस्तर तथा ग्राम पंचायत स्तर के विभिन्न बैठकों में विभाग द्वारा किये जा रहे कार्यों से अधिकारियों एवं जनप्रतिनिधियों को अवगत कराएं. उन्हें बताएं कि बाल/किशोर श्रम करते हुए कोई पाया जाता है तो इसकी सूचना तुरंत दें, उनके विरूद्ध कार्रवाई की जायेगी. इस मौके पर नगर निगम की मेयर गरिमा देवी सिकारिया नगर आयुक्त शंभु कुमार, एसडीएम नरकटियागंज सूर्य प्रकाश गुप्ता, श्रम अधीक्षक विरेन्द्र कुमार महतो, ओएचडी सुजीत कुमार, डीपीओ, आइसीडीएस श्रीमती कविता रानी सहित अन्य सदस्यगण उपस्थित रहे. 22 बाल श्रमिक हुए मुक्त, 10 को मिली सहायता जिलास्तरीय टास्क फोर्स की बैठक में नगर निगम की मेयर, नगर आयुक्त, एसडीएम नरकटियागंज सहित अन्य सदस्यों ने अपने-अपने विचार व्यक्त किये तथा महत्वपूर्ण सुझाव दिये. जिले के श्रम अधीक्षक ने बताया कि बाल श्रमिकों के विमुक्तिकरण के लिए विभाग द्वारा लगातार कार्रवाई की जा रही है. बाल/किशोर श्रमिकों के विमुक्तिकरण के साथ ही उनकी शिक्षा, स्वास्थ्य तथा उनके माता-पिता को विभिन्न लाभकारी योजनाओं से लाभान्वित भी कराया जा रहा है. उन्होंने बताया कि जनवरी 2024 से जून 2024 तक धावा दल द्वारा कुल-46 प्रतिष्ठानों का निरीक्षण किया गया है. इस दौरान 22 बाल श्रमिकों को विमुक्त कराया गया है. सीएलटीएस में 22 इंट्री की जा चुकी है. 03 विमुक्त बाल श्रमिकों को सीएमआरएफ से लाभान्वित किया गया है. 10 विमुक्त बाल श्रमिकों को तत्काल सहायता पहुंचायी गयी है. वहीं एफडी पूर्ण होने पर कुल-13 बच्चों को भुगतान किया जा चुका है.
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