24.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

लगातार हो रही बारिश से जन जीवन अस्त व्यस्त, प्रशासनिक लापरवाहियां दे रहीं हादसों को दावत

मौसम विभाग की चेतावनी तथा गूगल द्वारा हेवी थंडरस्टॉर्म (96 से 98 प्रतिशत) के अलर्ट के बावजूद भी लापरवाही क्या होती हैं. यह कोई प्रशासनिक पदाधिकारियों से सीखें.

बेतिया. मौसम विभाग की चेतावनी तथा गूगल द्वारा हेवी थंडरस्टॉर्म (96 से 98 प्रतिशत) के अलर्ट के बावजूद भी लापरवाही क्या होती हैं. यह कोई प्रशासनिक पदाधिकारियों से सीखें. स्थिति यह है कि प्रशासनिक लापरवाहियां और सिस्टम की उदासीनता के कारण शहरवासी जान हथेली पर रखकर घरों से बाहर निकल रहे हैं. – खुले हैं बिजली बोर्ड के पैनल नगर में दर्जन भर से ज्यादा जगहों पर बिजली के पावर बोर्ड खुले हुए हैं. आमतौर पर ट्रांसफार्मर के नीचे लगे ये बोर्ड बच्चों की पहुंच में भी हैं. सड़क किनारे या जलजमाव वाली क्षेत्र में होने के कारण वहां हादसों की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता. बोर्ड में पैनल होने के बावजूद भी इसे बंद नहीं किया जाना, विभागीय कर्मियों की लापरवाही को ही दर्शाता हैं. – उखाड़ दी मिट्टी, कीचड़मय हुआ रास्ता जीएमसीएच के निर्माण कार्य में लगी कंस्ट्रक्शन टीम अपनी बेहतर कार्यों से ज्यादा अपनी लापरवाहियों के कारण चर्चा में रहती हैं. वर्षों बीतने के बाद भी ड्रेनेज की पुख्ता व्यवस्था नहीं कर पाना, जीएमसीएच प्रशासन और कंस्ट्रक्शन कंपनी की कार्यशैली पर सवालिया निशान लगा रहा हैं. इतना ही नहीं, वर्तमान में मौसम विभाग द्वारा बारिश के अलर्ट के बावजूद नाला निर्माण के लिए एक दिन पूर्व अस्पताल के प्रशासनिक कार्यालय और पोस्टमार्टम हाउस की तरफ जाने वाले रास्ते की जमी मिट्टी को उखाड़ कीचड़ करने के कारण सुर्खियों में हैं. – नाला तो बना, लेकिन जलजमाव कायम जलजमाव की समस्या से निजात दिलाने के लिए नगर निगम द्वारा संत जेवियर्स स्कूल रोड आशा नगर के रास्ते में नाला का निर्माण तो करा दिया गया. लेकिन स्लैब वाले नाला निर्माण के बावजूद भी स्थिति खराब हैं. सड़कों पर डेढ़ से दो फीट पानी लगा हुआ हैं. स्थानीय लोगों के साथ-साथ स्कूली बच्चे और अभिभावक सिस्टम को कोसते हुए आवाजाही कर रहे हैं. – बेबस दिखें बच्चे, अभिभावक मजबूर बारिश, जलजमाव और कीचड़, इससे सबसे ज्यादा परेशानी स्कूली बच्चों को हुई. एक तरफ विद्यालय प्रबंधन का बारिश में पढ़ाई का आदेश, तो दूसरी तरफ अभिभावकों का दबाव. दोनों तरफ से इसे झेलना बच्चों को ही पड़ा. अभिभावकों का कहना हैं कि जब बारिश की चेतावनी दे दी गई रहती हैं, फिर भी निजी स्कूल संचालकों द्वारा प्राइमरी सेक्शन तक के भी कक्षाओं को बंद करने का कोई आदेश नहीं निकाला जाता. जिस कारण हमें मजबूरन बच्चों को स्कूल भेजना पड़ता हैं. वही शहर के प्रसिद्ध शिशु रोग विशेषज्ञ तथा जीएमसीएच के शिशु रोग विभाग के असिस्टेंट प्रो डॉ कुमार सौरभ के मुताबिक इस बारिश में बच्चों का भींगना तथा भींगे कपड़ों में क्लास में बैठकर घंटों पढ़ाई करना खतरनाक हो सकता हैं.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें