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11 साल बाद हत्या के मामले में दो को आजीवन कारावास

व्यवहार न्यायालय में एडीजे प्रथम रविरंजन के न्यायालय ने बगहा थाना के अहिरवलिया निवासी रामचंद्र यादव के पुत्र शिवाकांत यादव की हत्या मामले में दो को आजीवन कारावास की सजा सुनाया है.

By Prabhat Khabar News Desk | July 19, 2024 9:24 PM

बगहा. व्यवहार न्यायालय में एडीजे प्रथम रविरंजन के न्यायालय ने बगहा थाना के अहिरवलिया निवासी रामचंद्र यादव के पुत्र शिवाकांत यादव की हत्या मामले में दो को आजीवन कारावास की सजा सुनाया है. बगहा थाना कांड संख्या 119/2003 के एसटीआर नंबर 152/2005 के संबंध में प्रभारी लोक अभियोजक जितेंद्र भारती ने बताया कि नगर थाना क्षेत्र के अहिरवलिया निवासी दहाड़ी राम व पट्टू राम ने अपने साथ सूचक रामचंद्र के पुत्र शिवाकांत यादव को अपने साथ खर काटने के लिए बुलाकर ले गए. वापसी के समय उसी खर में उसका शव छुपा कर लाए थे. इस संबंध में मृतक के पिता ने नगर थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई थी. गवाहों के बयान व दलीलों को सुनने के बाद शुक्रवार को न्यायालय ने दो अभियुक्तों को आजीवन कारावास की सजा सुनायी है. भारती ने बताया कि करीब 11 साल बाद अभियुक्तों को सजा व पीड़ित परिवार को न्याय मिला. मां और बेटी से गैंगरेप में छह को 20-20 वर्ष की कैद बेतिया. मां और बेटी के साथ सामूहिक दुष्कर्म करने के एक मामले की सुनवाई पूरी करते हुए पोक्सो एक्ट के विशेष न्यायाधीश विवेकानंद प्रसाद ने छह आरोपियों को दोषी पाते हुए उन्हें 20-20 वर्ष कठोर कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही सभी के ऊपर 25-25 हजार रुपया अर्थ दंड भी लगाया है. अर्थदंड का भुगतान नहीं करने पर उन्हें अतिरिक्त कारावास की सजा भुगत नहीं होगी. सजायाफ्ता सुरेश यादव, गुड्डू यादव, सुभाष यादव, एकबाली यादव, भीम यादव तथा अजय यादव मझौलिया थाना के जोकटिया गांव के रहने वाले हैं. पोक्सो एक्ट के विशेष लोक अभियोजक वेद प्रकाश द्विवेदी ने बताया कि घटना 18 अप्रैल वर्ष 2013 की है. एक बच्ची अपने मां के साथ शौच करने के लिए घर से बाहर नहर पर गई थी. इसी दौरान सभी आरोपितों ने मिलकर बच्ची एवं उसकी मां को जबरदस्ती पकड़ कर टांग लिए और सुरेश यादव के घर में ले जाकर दोनों के साथ जबरदस्ती बारी-बारी से बलात्कार किया. इस संबंध में पीड़ित पक्ष द्वारा मझौलिया थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई थी. इसी मामले की सुनवाई कर पूरी करते हुए दोनों पक्षों को सुनने के बाद विशेष न्यायाधीश ने यह सजा सुनाई है.

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