नरकटियागंज सर्कुलेटिंग एरिया में नये लुक में स्थापित होगा मीटर गेज का क्रेन

नौ साल पहले नरकटियागंज रेलवे के वैभवशाली इतिहास को समेटने और सहेजने की पहल शुरू कर दी गयी है.

By Prabhat Khabar News Desk | December 12, 2024 9:03 PM

नरकटियागंज. नौ साल पहले नरकटियागंज रेलवे के वैभवशाली इतिहास को समेटने और सहेजने की पहल शुरू कर दी गयी है. 119 साल पहले जिस नरकटियागंज रेलवे स्टेशन की आधारशिला रखी गयी थी और नौ साल पहले तक जिस छोटी लाईन के माध्यम से रेलवे की विशालता अर वैभवशाली इतिहास का पता चलता है. उस इतिहास पर उगे खर पतवार को हटाने का सिलसिला और धरोहरों को सजाने संवारने का सिलसिला शुरू हो गया है. अब भावी पीढ़ी मीटर गेज छोटी रेल लाईन की महता और इतिहास को करीब से देख सकेगी. प्रभात खबर के 11 दिसंबर को (उखड़ गयी रेल पटरी, बिखर गए इंजन बोगी, खड़ा रह गया मीटर गेज का वैभवशाली क्रेन) शीर्षक से छपी खबर को रेलवे ने गंभीरता से लिया है. रेल परिसर में खड़ी क्रन को नरकटियागंज के सर्कुलेटिंग एरिया में स्थापित किया जाएगा. इसकी जानकारी देते हुए समस्तीपुर मंडल के डीआरएम विनय कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि क्रेन को सर्कुलेटिंग एरिया में स्थापित किया जाएगा. जंक्शन पर पहुंचने वाले यात्री मीटर गेज क्रेन के बारे में जान सके, इसे पूरी तरह सुसज्जित किया जाएगा. उन्होंने बताया कि इस दिशा में सही स्थान पर स्थापना प्रदर्शन के लिए मैकेनिकल विभाग की टीम को भेजा गया है. बता दें कि जंक्शन को अमृत भारत योजना के तहत विकसित किया जा रहा है. स्टेशन पर यात्री सुविधाओं की बढ़ोतरी और सौंदर्यीकरण में मंडल रेल प्रबंधक की अहम भूमिका देखी जाती है. बकौल डीआरएम श्री श्रीवास्तव रेलवे के इस धरोहर को भावी पीढ़ी के लिए प्रदर्शित करने में रेलवे अहम भूमिका निभाएगी.

मैकेनिकल टीम ने किया क्रेन स्थापना के लिए स्थल का निरीक्षण

गुरुवार को मैकेनिकल टीम ने लोको शेड परिसर में रखे गए मीटर गेज के क्रेन का अवलाेकन किया. टीम में एएमई इएनएचएम एसपीजे आनंद कुमार, एसएसई कैरेज एंड बैगन उमेश कुमार समेत मैकेनिकल टीम के सदस्य शामिल रहे. टीम ने इंजीनियरिंग विभाग के अधिकारियों से सही लोकेशन के बारे में जानकारी भी ली. अधिकारियों ने बताया कि इससे संबंधित रिपोर्ट वरीय अधिकारी को सौंपी जाएगी.

म्यूजियम के रूप में भावी पीढ़ी जान सकेगी इतिहास

रेल परिसर में खड़े क्रेन को भावी पीढ़ी करीब से जानेगी और समझेगी. जिस प्रकार पटना और गोरखपुर स्टेशनों पर छोटी लाईन के इंजनों और अन्य संसाधनों को म्यूजियम में संग्रहित कर प्रदर्शित किया गया है उसी प्रकार नरकटियागंज में भी रेल धरोहरों को संग्रहित करने का कार्य किया जा रहा है. जंक्शन का विकास अमृत भारत योजना के तहत 29. 3 करोड़ की लागत से जोर शोर से चल रहा है.

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