नरकटियागंज. रेलवे की ओर से यात्री सुविधाओं और प्रवासियों को उनके गंतव्य तक पहुंचाने की वो सारी घोषणाएं शनिवार को नरकटियगंज स्टेशन पर धरी की धरी रह गयी जब पांच सौ से उपर रेल यात्री ट्रेन में सवार नहीं हो सके. इससे पहले रेलवे की ओर से जब एनाउंस होने लगा कि यात्री गण कृप्या ध्यान दें 22551 अंत्योदय एक्सप्रेस ट्रेन में जगह नहीं है.
यात्री कृपया अपना अपना टिकट वापस करा लें. इसके बाद प्रवासी मजदूरों में हड़कंप मच गया. इधर रेलवे की ओर से रेल पुलिस ट्रेन में नहीं चढ़ने की अपील करती रही और दूसरी ओर मजदूर यात्री इन सब बातों से बेपरवाह जैसे तैसे भी ट्रेन में चढ़ने का प्रयास करते रहे. जिन बिहार के मजदूरों के रोटी कपड़ा और मकान को ध्यान में रख कर अंत्योदय, अमृत भारत और जननायक जैसी ट्रेनें चलायी जा रही है अब ये ट्रेनें भी मजदूरों के दर्द को नहीं समझ रही और रेलवे की ओर से मुनादी करवानी पड़ रही है कि ट्रेनों में जगह नही है. यात्री ट्रेन में नही चढ़े. अंत्योदय एक्सप्रेस ट्रेन में नहीं चढ़े यात्रियों से प्रति यात्री 40 रूपया काटे जाने को लेकर जहां यात्रियों में रेलवे के प्रति नाराजगी दिखी वही उनका दर्द भी छलक गया. देवराज के नुरैन मियां अपने छोटे से बच्चे और बीबी को ट्रेन में नहीं चढ़ा सके. भीड़ की वजह से उनका बच्चा रोता बिलखता रहा. नुरैन ने बताया कि उसे जालंधर जाना था. वह उलेन फैक्ट्री में काम करता है. लेकिन भीड़ की वजह से ट्रेन में नही चढ़ सका. वहीं नगर के नंदपुर के वार्ड संख्या 4 निवासी अजय कुमार, ठठवा के मंटू गद्यी, अफसेद गद्यी, सिकटा के रामायण हाजरा, गौनाहा के वासुदेव काजी, समेत सैकड़ों यात्रियों ने बताया कि उनसे टिकट वापसी के दौरान 40 रूपया काट लिया गया.100 से अधिक यात्रियों का टिकट हुआ वापस
अंत्योदय एक्सप्रेस में जहां पांच सौ से ऊपर यात्रियों की ट्रेन छूट गयी, वही सौ से ऊपर यात्रियों का टिकट वापस हुआ. हालांकि स्थानीय कमर्शियल विभाग के अधिकारी इस संबंध में कुछ भी बताने से परहेज कर रहे है. जबकि आरपीएफ पोस्ट कमांडर चन्दन कुमार ने बताया कि करीब सौ यात्रियों का टिकट वापस हुआ और बहुत सारे यात्री सत्याग्रह ट्रेन में सवार हुए.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है