नरकटियागंज . नरकटियागंज कृषि विज्ञान केन्द्र में गुरुवार को प्रक्षेत्र दिवस सह कृषक गोष्ठी कार्यक्रम का आयोजन किया गया. गोष्ठी का आयोजन डॉ राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय के वैज्ञानिक डॉ कौशल किशोर एवं डॉ गौरी शंकर गिरी की उपस्थिति में हुआ. इस दौरान कृषि वैज्ञानिकों ने कृषकों को श्रीअन्न उत्पादन की तकनीक एवं रोग प्रबंधन पर विशेष जानकारी दी. इस कार्यक्रम में कृषि विज्ञान केन्द्र के नरकटियागंज के वरीय वैज्ञानिक एवं प्रधान डॉ आरपी सिंह एवं उपस्थित वैज्ञानिकों ने कृषकों को कृषि विज्ञान केंद्र नरकटियागंज प्रक्षेत्र में छह श्रीअन्न के 36 प्रभेदों का अवलोकन कराया गया एवं उनके उत्पादकता के बारे में विशेष जानकारी दी गई. वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष डॉ. सिंह ने बताया कि मोटा अनाज पौष्टिकता से भरपूर होता है. हमारे यहां ज्वार, बाजरा, मक्का, मडुआ, सावा, कोदो चीना, क़ौनी इत्यादि की खेती आज से 50 साल पहले अधिक मात्रा में की जाती थी. जो हमारे खाने की परंपरा का महत्वपूर्ण अंग था. साठ के दशक में आई हरित क्रांति के बाद हम सभी ने अपनी थाली में चावल एवं गेहूं को सजा लिया और मोटे अनाजों को अपनों से दूर कर दिया. जिस अनाज को हम 6000 साल से खा रहे थे उससे हम ने मुंह मोड़ लिया और आज पूरी दुनिया उसी मोटे अनाज की तरफ पुनः वापस लौट रही है और बाजार में इन्हें ””””””””सुपर फूड”””””””” का दर्जा दिया गया है. कार्यक्रम में प्रगतिशील कृषक आनंद सिंह, तौलहा पंचायत के कृष्ण कुमार, मुन्ना यादव, सुमन कुमार, सुरेंद्र कुमार, मीरा देवी तथा ललिता देवी आदि शामिल रहे.
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