अब मॉडल समय सारणी से ही सरकारी स्कूलों का होगा संचालन

स्कूलों का सुव्यवस्थित रूप में संचालन करने के लिए शिक्षा विभाग ने सरकारी स्कूलों के लिए मॉडल समय सारणी (टाइम टेबल) का अनुपालन का सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है.

By Prabhat Khabar News Desk | November 28, 2024 8:03 PM

बेतिया

स्कूलों का सुव्यवस्थित रूप में संचालन करने के लिए शिक्षा विभाग ने सरकारी स्कूलों के लिए मॉडल समय सारणी (टाइम टेबल) का अनुपालन का सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है. इसको लेकर शिक्षा विभाग मध्याह्न भोजन योजना के निदेशक विनायक मिश्रा ने सभी जिला शिक्षा पदाधिकारी और डीपीओ एमडीएम को पत्र जारी कर निर्देश दिया है. जारी पत्र में उन्होंने कहा है कि सरकारी स्कूलों को पूर्व में ही एक मॉडल समय सारणी प्रदान की जा चुकी है. इसके तहत सभी गतिविधियों का संचालन किया जाना निर्धारित किया गया है. इस समय सारणी में दोपहर 12:00 से 12:40 तक मध्यान्ह भोजन और मध्यांतर की अवधि तय की गई है. हालांकि ग्रामीण क्षेत्रों और स्थानीय परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए प्रधानाध्यापक को लचीलापन दिया गया है कि वह अपने स्कूल के बच्चों को मध्याह्न भोजन देने के लिए आवश्यकता अनुसार समय का निर्धारण कर सकते हैं.

लैटर जारी किया

जारी पत्र में कहा गया है कि रसोईया सह सहायक की सहायता से बच्चों को गुणवत्तापूर्ण मध्याह्न भोजन सुनिश्चित किया जाए. बच्चों की संख्या अधिक होने पर वर्ग वार अलग-अलग समय सारणी बनाकर उन्हें भोजन उपलब्ध कराना होगा. यह कदम बच्चों की भीड़ को नियंत्रित करने और उन्हें व्यवस्थित रूप से भोजन देने की उद्देश्य से उठाया गया है.निदेशक ने यह भी कहा है कि स्कूल परिसर, कक्षाएं, रसोई घर और शौचालय जैसी महत्वपूर्ण सुविधाओं की साफ-सफाई का नियमित निरीक्षण करना प्रधानाध्यापक की जिम्मेदारी होगी. स्वच्छता पर विशेष ध्यान दिया जाएगा, ताकि छात्रों को एक सुरक्षित और स्वच्छ वातावरण में शिक्षा और भोजन की सुविधा मिल सके.

आवश्यकता अनुसार बदलाव

स्थानीय परिस्थितियों के अनुसार प्रधानाध्यापक मध्यान्ह भोजन की समय सारणी में आवश्यकता अनुसार बदलाव कर सकते हैं. इस निर्देश को सभी प्रधानाध्यापकों तक पहुंचाने की जिम्मेदारी जिला शिक्षा पदाधिकारी और जिला कार्यक्रम पदाधिकारी एमडीएम की होगी. ताकि इसे तत्काल प्रभाव से लागू किया जा सके. इस नई व्यवस्था का उद्देश्य सरकारी स्कूलों में न केवल बच्चों की पौष्टिक भोजन प्रदान करना है, बल्कि स्कूलों में अनुशासन और स्वच्छता को प्राथमिकता देना है.

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