बेतिया . गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज अस्पताल में शुक्रवार की सुबह लगभग आठ बजे प्रसूता की मौत के पश्चात परिजनों ने जमकर हंगामा किया. परिजनों का आरोप था कि बार-बार बोलने के बावजूद भी प्रसूति विभाग के चिकित्सक व स्वास्थ्यकर्मी ने मरीज को अनदेखा किया. इसके कारण उसकी स्थिति बिगड़ती रही और उसने दम तोड़ दिया. महिला मनुआपुल पतरखा गांव निवासी संटू चौधरी की पत्नी रिंकू देवी (30) थी. प्रसूति महिला की मौत के बाद जीएमसीएच के सी ब्लॉक के तीसरे मंजिल पर घंटों परिजनों ने बवाल किया. इस दौरान परिजनों ने चिकित्सक पर लापरवाही व कई गंभीर आरोप लगाया. इसके चलते अस्पताल परिसर में अफरा-तफरी की स्थिति बनी रही. बवाल के दौरान प्रसव वार्ड के चिकित्सक व स्वास्थ्यकर्मी वार्ड छोड़कर चले गये. हंगामे की सूचना पर अस्पताल टीओपी प्रभारी अरविंद कुमार सिंह होमगार्ड के जवानों के साथ पहुंचे और आक्रोशित लोगों को शांत कराया. इस दौरान टीओपी प्रभारी अरविंद कुमार सिंह ने बताया कि प्रसूता की मौत को लेकर काफी आक्रोश था. मृतका का पति रो-रोकर बेहोश हो रहा था. लेकिन, काफी प्रयास के बाद लोगों को शांत करा दिया गया है. मृतका की मां श्रीनगर थाना के पूजहां पटजिरवा निवासी रीता देवी ने बताया कि उनकी बेटी रिंकू देवी गर्भवती थी. उसको एक सप्ताह से अस्पताल में भर्ती कराया था. छह अक्टूबर रविवार की रात करीब 12 बजे जीएमसीएच में ऑपरेशन के द्वारा जुड़वा लड़का हुआ. उसे पहले से दो साल की लड़की सोना थी. इसका दूसरा प्रसव था. इस बीच रिंकू को खांसी शुरू हो गयी. परिजन बार-बार डॉक्टर को बुलाने की मांग कर रहे थे. लेकिन, कोई देखने नहीं आया. आधी रात को स्थिति गंभीर हो गई. बावजूद चिकित्सक नहीं आए. शुक्रवार की सुबह उसकी मौत हो गई. मौत के बाद परिजनों ने इलाज में लापरवाही का आरोप लगा कर हंगामा करने लगे. इधर रिंकू के पति संटू चौधरी ने रोते बिलखते हुए बताया कि तीन साल पहले उसकी शादी हुई थी.
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