28.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

त्रिवेणी कैनाल का उत्तरी बांध कई जगह ध्वस्त, सिकटा नदी का पश्चिमी तटबंध भी टूटा

नेपाल के जल अधिग्रहण क्षेत्र में हो रही लगातार बारिश से प्रखंड की सभी नदियां उफना गयी है.

सिकटा.

नेपाल के जल अधिग्रहण क्षेत्र में हो रही लगातार बारिश से प्रखंड की सभी नदियां उफना गयी है. सिकटा नदी, ओरीया सदभौका, सिकरहना, पढ़ई, नौखनिया समेत अन्य छोटी बड़ी नदियां खतरे के निशान को पार कर बह रही है. सिकटा नदी अपने रौद्र रूप में है. त्रिवेणी कैनाल के उत्तरी तटबंध सिकटा गांव और सिकटा नदी के बीचोंबीच करीब तीस फीट तक ध्वस्त हो गया है. जिससे करीब सैकड़ों एकड़ भूमि में लगे धान के बिचड़े और रोपे गए धान की फसलें डूब गई हैं. सिकटा नदी का पश्चिमी तटबंध भी टूटने से बाढ़ का पानी खेतों में फैल गया है. सिकटा को रक्सौल से जोड़ने वाली सड़क में धर्मपुर और सिकटा गांव के बीच सड़क पर दो से तीन फुट तक बाढ़ का पानी बह रहा है. वहीं, सिकटा रक्सौल मुख्य मार्ग पर बसंतपुर गांव से पश्चिम त्रिवेणी कैनाल के दक्षिणी तटबंध से उछल कर पानी बह रहा है. इस कारण यह सड़क टूटने के कगार पर है. बाढ़ से निचले स्तर पर लगे धान की फसल डूब गयी है. परसा गांव के समीप भी त्रिवेणी कैनाल का उत्तरी तटबंध भी 10 फीट तक टूट गया है. वैसे त्रिवेणी कैनाल के उत्तरी तटबंध कई जगहों पर टूट गए हैं. हालांकि प्रशासनिक स्तर पर चौकसी बरती जा रही है. सीओ प्रिया अर्याणि ने बताया कि टूटे हुए तटबंधों के लिए त्रिवेणी कैनाल के कार्यपालक अभियंता को लिखा गया है. स्थिति अभी नियंत्रण में है. सभी स्थिति पर नजर रखी जा रही है.

नरकटियागंज में उफनाई पहाड़ी नदियां सीओ ने किया बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का निरीक्षण

नरकटियागंज.

नेपाल के जल अधिग्रहण वाले क्षेत्र में हो रही बारिश से पहाड़ी नदयों का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है. पंडई, मनियारी, हड़बोड़ा, बलोर आदि पहाड़ी नदियों के जल सतर में वृद्धि होने से नदियों के किनारे रहने वाले लोग सहमे हुए हैं. लगातार हुई बारिश से सरेह पानी से लबालब हो गया है. वहीं, प्रशासन की ओर से अधिकारी व कर्मी अलर्ट मोड में है. रविवार को सीओ सुधांशु शेखर ने बाढ़ प्रभावित इलाका गौरीपुर, मंझरिया, दहड़वा टोला, राजपुर तुमकड़िया, धुमगनर आदि गांव पहुंचे और नदियों तथा नहरों को जायजा लिया. सीओ शेखर ने बताया कि अभी हालात सामान्य है. सभी हल्का कर्मचारियों को पंचायतवार नजर रखने का निर्देश दिया गया है. इधर, दो दिनों से हो रही बारिश से बाढ़ की संभावना को देखकर एसडीएम सूर्यप्रकाश गुप्ता ने सभी सीओ, बीडीओ सहित अन्य अधिकारियों व कर्मियों को बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों पर नजर रखने का निर्देश दिया है. अनुमंडल क्षेत्र से होकर गुजरने वाली पंडई, हड़बोड़ा, मनियारी, द्वारदह, बिरहा, गांगुली, कौडेना, सिकटा समेत छोटी बड़ी सभी नदियों की ताजा स्थिति एवं जलस्तर पर नजर रखते हुए जल स्तर की बढ़ोतरी और कटाव से संबंधित अद्यतन रिपाेर्ट देने को कहा है.

बाढ़ की संभावना को देखते हुए अनुमंडल प्रशासन की ओर से बाढ़ पीड़ितों के लिए चयनित ऊंचे स्थानों, आश्रय भवन आदि की साफ सफाई कराकर दुरूस्त रखा जा रहा है. एसडीएम सूर्य प्रकाश गुपता ने बताया कि हरदी टेढ़ा में हरदिया देवी स्थान के बगल में बाढ़ प्रभावितों के लिए बने आश्रय भवन की साफ सफाई कर वहां उचित व्यवस्था करने का निर्देश नरकटियागंज सीओ को दिया गया है. बाढ़ प्रभावित इलाके की सड़कों , बांधों एवं तटबंधों पर भी नजर रखी जा रही है. ताकि बाढ़ से इनको कोई छति पहुंचती है तो तुरंत इनकी मरम्मत कराई जा सके. उन्होने अनुमंडल के सभी पाचं प्रखंडो के बीडीओ सीओ को अलअर् रहने का निर्देश दिया है.

साठी में पंडई नदी के उफान से दहशत में ग्रामीण

साठी.

बौराई पंडई नदी और खतरे के निशान को किया पार. पंडई नदी के जलस्तर में लगातार हो रहे वृद्धि से नदी का जलस्तर काफी बढ़ गया है. जिससे नदी के किनारे बसे गांव के लोगों में भय का माहौल है. जहां एक तरफ झमाझम बारिश से किसानों के चेहरे खिल उठे हैं. वहीं धान की रोपनी भी जोरों पर है. वही पहाड़ी नदी पंडई के बढ़ते जल स्तर से नदी के किनारे बसे गांव के किसानों के चेहरे अब मुरझाने लगे हैं. उन्हें डर है कि जिस तरह से पंडई नदी का जलस्तर बढ़ रहा है. अगर बाढ़ आई तो धान के बिचड़े सहित रोपे गए धान के फसल भी बर्बाद हो जाएंगे. नदी किनारे बसे गांव परसौनी, हिच्छोपाल, बेलवा, सोमगढ़, भतौडा, दुमदुमवा, सिंहपुर और बसंतपुर के किसान इससे काफी चिंतित हैं अगर बारिश नहीं रुकी और पहाड़ पर पानी गिरा तो नदी अपना रुख इन गांवों के खेतों के तरफ करेगी और बर्बादी तय है. साठी पंचायत के प्रबुद्ध किसान व पंचायत के मुखिया पति वीरेंद्र उपाध्याय ने बताया कि लगभग आधे से अधिक खेतों की धान की रोपनी हो गई है. अगर नदी का पानी खेतों में घुसा तो धान के बिचड़े के साथ-साथ रोपे गए धान के पौधे भी बर्बाद हो जाएंगे. जिससे दोबारा रोपनी करना संभव नहीं है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें