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अब जीएमसीएच में मिलेगी लेप्रोस्कोपिक सर्जरी की सुविधा, बिना चीरा होगा ऑपरेशन

अब जटिलतम ऑपरेशन में जिलेवासियों का न तो ज्यादा खून बहेगा और न हीं उनकी जेबें ढीली होगी.

बेतिया. अब जटिलतम ऑपरेशन में जिलेवासियों का न तो ज्यादा खून बहेगा और न हीं उनकी जेबें ढीली होगी. क्योंकि स्वास्थ्य विभाग द्वारा जीएमसीएच में लेप्रोस्कोपिक सर्जरी मशीन इंस्टॉल करवा दी गई हैं. सोमवार को जीएमसीएच में एक कार्यक्रम के दौरान प्राचार्य प्रो डॉ दिनेश कुमार, अधीक्षक डॉ सुधा भारती तथा सर्जरी विभाग के एचओडी डॉ एसके रंजन द्वारा विधिवत लेप्रोस्कोपिक यूनिट की शुरुआत की गई. जीएमसीएच प्राचार्य प्रो डॉ दिनेश कुमार ने कहा कि लेप्रोस्कोपिक सर्जरी के पश्चात मरीज को अस्पताल में ज्यादा दिन रहने की आवश्यकता नहीं हैं. बड़ा चीरा लगाने की आवश्यकता नहीं होती है. मरीज जल्दी ठीक भी होंगे और वापस अपने कामकाज पर लौट सकेंगे. इसलिए यह जनरल सर्जरी की तुलना में यह लोगों के लिए बेहतर विकल्प है. यह प्रसन्नता की बात है, कि इससे एक तरफ जहां मरीजों को फायदा होगा. तो दूसरी तरफ आने वाले वर्ष में डीएनबी की पढ़ाई शुरू होने वाली है, ऐसे में पीजी स्टूडेंट्स को भी लेप्रोस्कोपिक मशीन के माध्यम से सीखने और बेहतर करने का मौका मिलेगा. अधीक्षक डॉ सुधा भारती ने कहा कि जीएमसीएच में पेशेंट की काफी भीड़ है. इस प्रक्रिया के माध्यम से मरीज को अस्पताल में कम समय रहना पड़ेगा. जिससे जनरल सर्जरी की तुलना में उसे जल्द ही डिस्चार्ज कर घर भेजा जा सकता है. नतीजतन अस्पताल में अन्य जरूरतमंद को बेड मिलेंगे. अपेंडिसाइटिस, गॉल ब्लाडर, किडनी स्टोन, प्रोस्टेट सर्जरी के मरीजों को इस लेप्रोस्कोपिक यूनिट के माध्यम से काफी राहत मिलेगी.

सफल रहती है लैप्रोस्कोपिक सर्जरी

सर्जरी विभाग के एचओडी डॉ एसके रंजन ने कहा कि लेप्रोस्कोपिक सर्जरी से जुड़ी जो भी भ्रांतियां हैं, वह सब वर्तमान समय में दूर की जा चुकी है. अब लैप्रोस्कोपिक सर्जरी पूरी तरह सुरक्षित और सफल है. जीएमसीएच के सर्जनों द्वारा बीते दिनों में जर्मनी की कंपनी हैगर द्वारा निर्मित मशीन से सर्जरी का सफल ट्रायल किया जा चुका है. ताकि भी हमारी टीम इस सर्जरी में सफल रहेगी. जैसे-जैसे मरीजों की संख्या लैप्रोस्कोपी की तरफ ज्यादा बढ़ेगी, वैसे ही सुविधाओं में और बढ़ोतरी होती रहेगी.

यह रहे मौजूद

मौके पर सर्जरी विभाग के वरिष्ठ प्रोफेसर डॉ खुर्शीद आलम, डॉ अशोक कुमार, एनेस्थेसिया विभाग के एचओडी डॉ सी चौधरी, हड्डी विभाग के एचओडी डॉ राजीव कुमार, फिजियोथेरेपी विभाग के एचओडी डॉ विरेंद्र कुमार, साइकेट्रिक विभाग के एचओडी डॉ हेमंत कुमार, मेडिसिन विभाग के डॉ सुमित कुमार, सर्जरी विभाग के सीनियर रेजिडेंट डॉ शशांक गौरव, डॉ मुकेश जायसवाल, डॉ विनिता कुमारी, डॉ नुरहसन, डॉ मुकेश कुमार, डॉ बृजकिशोर काजी, डॉ ब्रजेश कुमार, डॉ कमल नयन, डॉ अमरनाथ गुप्ता, डॉ संतोष कुमार सिंह, डॉ अमित रंजन, नर्सिंग ऑफिसर मो नौशाद, अस्पताल प्रबंधक मो शाहनवाज, वरीय लिपिक उदय कर्मकार, पीयूष कुमार, अनूप कुमार, ब्रजेश कुमार सहित अन्य मौजूद रहे.

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