आचार संहिता हटते ही लंबित व नये कार्यों में आयेगी तेजी
लोकसभा चुनाव की प्रक्रिया समाप्त होते हीं आदर्श आचार संहिता के समाप्ति की घोषणा कर दी गयी है.
बेतिया. लोकसभा चुनाव की प्रक्रिया समाप्त होते हीं आदर्श आचार संहिता के समाप्ति की घोषणा कर दी गयी है. करीब 70 से अधिक दिनों तक चले इस आदर्श आचार संहिता में जिले में केवल चुनाव संबंधी कार्यों को संपादित किया जाता रहा है. अब जिले में विकास की चर्चा आरंभ होने की संभावना प्रबल हो गयी है. समाहरणालय स्थित विभिन्न प्रशाखाओं में नये योजनाओं को स्वीकृति दिलाने के लिए धूल लगे संचिकाओं को संबंधित लिपिक खंगालने लगे है. पिछले दो माह से न तो विकास कार्यों की समीक्षा हो पा रही थी और न स्वीकृति के लिए रखे गये संचिकाओं का निष्पादन ही हो रहा था. पूरा प्रशासनिक महकमा लोकसभा चुनाव को संपन्न कराने में जुटा हुआ था. 16 मार्च से जिले में आदर्श आचार संहिता लागू कर दिया गया था. जिसका समापन हो गया. आदर्श आचार संहिता लागू होने से कई योजनाओं की स्वीकृति पर ग्रहण लग गया था. हालांकि निर्धारित समय से पूर्व जितनी भी योजनाएं स्वीकृत हुई थी उनका क्रियान्वयन तो आरंभ हो गया था, लेकिन स्वीकृति के अभाव में जिन योजनाओं का प्रस्ताव भेजा गया था उन योजनाओं को अब स्वीकृति मिलने लगेगी. इसके साथ हीं लंबित कार्यो को तेजी से आरंभ करने के भी निर्देश दिये जा रहे है. शहर में स्वीकृत वाटर ड्रेनेज सिस्टम की स्वीकृति के बाद संबंधित कार्यकारी एजेंसी को कार्यादेश भी प्राप्त हो गया है, लेकिन कार्य अभी आरंभ नहीं हो पाया. अब माना जा रहा है कि कार्यकारी एजेंसी इस कार्य को आरंभ करेगी. इसके अलावे मनरेगा, बागवानी, आवास योजनाओं की स्वीकृति भी दी जायेगी. चालू वित्तीय वर्ष में अभी तक एक भी योजना की स्वीकृति प्रदान नहीं की गयी है. आदर्श आचार संहिता के कारण जिन योजनाओं को विराम मिला था उनमें भी अब तेजी लायी जायेगी. विभिन्न विभाग यथा कृषि, आवास योजना, विभिन्न पेंशन योजना की भी स्वीकृति पर भी रोक लगी थी. जिला में आये करीब 1200 आवेदन आदर्श आचार संहिता लागू होने के कारण लंबित हो गये है. जिनकी स्वीकृति में अब तेजी आने की संभावना है. विकास के कार्य शुरु होने से मजदूरों एवं संवेदकों को भी कार्य मिलना आरंभ हो जायेगा.
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