वाल्मीकि टाइगर रिजर्व में 2010 में आठ बाघ थे, 2022 संख्या बढ़कर हुई 52
बीते चार सालों में वाल्मीकि टाइगर रिजर्व में बाघों की संख्या में उत्साह जनक वृद्धि दर्ज की गई है.
वाल्मीकिनगर. 29 जुलाई को पूरा विश्व अंतरराष्ट्रीय बाघ दिवस के रूप में बाघों के संवर्धन उनकी सुरक्षा और उनकी विकास के लिए एक संकल्प के साथ आगे बढ़ता है. इस वर्ष भी हम 29 जुलाई को अंतरराष्ट्रीय बाघ दिवस के रूप में मना रहे हैं. बीते चार सालों में वाल्मीकि टाइगर रिजर्व में बाघों की संख्या में उत्साह जनक वृद्धि दर्ज की गई है. लगभग 900 वर्ग किलोमीटर में फैले टाइगर रिजर्व में बाघों की संख्या में आशातीत वृद्धि दर्ज की गई है. वाल्मीकि टाइगर रिजर्व में वर्ष 2010 में 8 बाघ थे. वर्ष 2014 में 23 बाघ हो गये. वर्ष 2018 में गणना के मुताबिक टाइगर रिजर्व में बाघों की संख्या बढ़कर 31 हो गयी. यह संख्या 2022 में बढ़कर 52 पहुंच गई. आंकड़ों की माने तो टाइगर रिजर्व में वर्तमान में 55 बाघ है. शावकों की गिनती करने पर यह संख्या बढ़ जाएगी.
पूरे वीटीआर में लगभग दो हजार वर्ग हेक्टेयर से ज्यादा घास का मैदान है. इसे पांच हजार वर्ग हेक्टेयर तक बढ़ाने की वन प्रशासन की योजना है. घास के मैदान बढ़ने से शाकाहारी जानवरों की संख्या लगातार बढ़ रही है. यह बाघों के लिए अच्छा है. रिहायशी क्षेत्रों की ओर बार-बार बाघों का निकलना उनकी बढ़ती जनसंख्या को दर्शाता है. हालांकि टाइगर रिजर्व में जिस अनुपात में बाघों की संख्या में वृद्धि दर्ज की गई है, उसी अनुपात में वन क्षेत्र के अंदर शाकाहारी जानवरों की तादाद में भी वृद्धि दर्ज की गई है. ज्ञात हो कि प्रत्येक 4 वर्ष पर बाघों की गणना की जाती है. वन प्रेमियों को की माने तो उम्मीद है कि 2026 की गणना में टाइगर रिजर्व में बाघों की संख्या 70 को पार कर जाएगी. इस बाबत पूछे जाने पर वन संरक्षक सह क्षेत्र निदेशक डॉ नेशामणि ने बताया कि वन प्रशासन बाघों की टाइगर रिजर्व में बढ़ती जनसंख्या से काफी उत्साहित है. वन प्रशासन वन्य जीव की सुरक्षा उनके विकास और उनके संवर्धन के लिए पूरी तरह कटिबद्ध है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है