तीन माह से प्रभारी प्राचार्य के खौफ में थीं नर्सिंग छात्राएं, मंत्री तक हुई थी शिकायत
जीएनएम प्रशिक्षण संस्थान की छात्राएं अपने प्राचार्य के खौफ में पिछले तीन माह से जीने को मजबूर थीं.
बेतिया. जीएनएम प्रशिक्षण संस्थान की छात्राएं अपने प्राचार्य के खौफ में पिछले तीन माह से जीने को मजबूर थीं. प्राचार्य को हटाने व कार्रवाई करने के लिए छात्राओं ने मुख्यमंत्री, स्वास्थ्य मंत्री सहित कई बड़े पदाधिकारियों को पत्राचार किया था. पत्र में कहा गया कि बेतिया जीएनएम प्रशिक्षण संस्थान का प्रभारी प्रचार्य मनीष जायसवाल कार्यालय में ही शराब पीते हैं, खुद शराब का जाम बनाते हैं. कार्यालय में शराब की बोतल टेबल पर रखते हैं. छात्राओं के बीच छात्रावास के छत पर अश्लील तरीके से मसाज कराते हैं. प्रभारी का इन सब करतूतों का फोटो वायरल भी हो जाता है, छात्राएं सभी फोटो को संलग्न कर विभाग को जानकारी देती है. शिकायत के बाद निदेशक प्रमुख नर्सिंग डॉ सुनील कुमार झा तत्कालीन सीएस को जांच कर प्रतिवेदन उपल्ब्ध कराने का निर्देश दिया था. निदेशक प्रमुख नर्सिंग के निर्देश के बाद तत्कालीन सीएस डॉ श्रीकांत दूबे ने विभाग को रिपोर्ट भेजा था. रिपोर्ट में जीएनएम के प्रभारी प्राचार्य मनीष जायसवाल को प्राचार्य के पद के लिए उपयुक्त नहीं माना था. उन्हें दोषी मानते हुए तत्काल प्रभाव से हटाकर विभागीय कार्रवाई करने की बात कही थी, इसके बावजूद विभाग के स्तर पर रिपोर्ट को दबा दिया गया. जिसके कारण प्रभारी प्राचार्य का हौसला और बढ़ गया व उसके हरकतों में किसी तरह का सुधार नहीं हुआ. डीएम को दिए आवेदन में जीएनएम के छात्राओं ने बताया कि एक प्राध्यापक व कुछ छात्राएं प्राचार्य के हर गलत गतिविधियों में शामिल हैं. अवैध रुप से चंदा के रुप में पैसों की उगाही किया जाता है. पैसा उगाही करने के बाद पार्टी की जाती है. जब इसका विरोध किया गया,तो प्राचार्य तरह-तरह से प्रताड़ित करते हैं व कैरियर खत्म करने की धमकी देते हैं. छात्राओं की समस्या सुनने के बाद डीएम काफी गंभीर दिखे. उन्होंने कहा कि महिला अधिकारियों की टीम गठित कर दो दिनों के अंदर प्रभारी प्राचार्य व उनके हर गलत गतिविधियों में शामिल लोगों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जायेगी. उन्होंने कहा कि थाना को निर्देश दिया गया है कि छात्राओं की सुरक्षा सुनिश्चित करें,ताकि उनके मन में किसी तरह की खौफ नहीं बनी रहे. कोलकाता जैसी घटना हुई तो जिम्मेदार कौन? छात्राओं ने कहा है कि हमारे सीएम तो शराबबंदी के पक्षधर हैं. फिर ऐसे प्रिंसिपल पर कार्रवाई क्यों नहीं हो रही है ? कल को अगर यहां भी कोलकाता जैसी घटना हो गई, तो उसका जिम्मेदार कौन होगा. पूरा मामला सामने आने के बाद प्रभारी प्राचार्य ने अपनी ओर से सफाई दी है. मनीष कुमार जायसवाल ने कहा हैं कि तस्वीरों को एडिट किया गया है. यह कहते हुए उन्होंने आरोपों को खारिज कर दिया. वहीं जीएनएम छात्राओं ने आरोप लगाया है कि प्राचार्य की ओर से सभी छात्राओं को कैद करके रखा गया है.
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