दो बाघों की भिड़ंत में एक की मौत, दूसरा जख्मी
वाल्मीकि व्याघ्र परियोजना के मंगुराहा जंगल में दो बाघों की वर्चस्व कीलड़ाई में एक बाघ की युद्ध स्थल पर ही मौत हो गयी है.
गौनाहा. वाल्मीकि व्याघ्र परियोजना के मंगुराहा जंगल में दो बाघों की वर्चस्व की लड़ाई में एक बाघ की युद्ध स्थल पर ही मौत हो गयी है. जबकि दूसरा गंभीर रूप से जख्मी हो गया है. टाइगर ट्रेकरों की ओर से वन भ्रमण के दौरान यह सूचना दी गई और बाघ के शव को बरामद किया गया. मामले में शव की जांच पड़ताल के बाद वन विभाग ने उसका अंतिम संस्कार करा दिया है. जख्मी बाघ के लोकेशन को ट्रेस करने में विभागीय कर्मी जुटे हुए हैं. वन क्षेत्र पदाधिकारी सुनील कुमार पाठक ने बताया कि बाघों के लड़ाई और एक की मौत की जानकारी मिलने पर इसकी सूचना डीएफओ को दी गई. डीएफओ प्रदुमन गौरव अन्य अधिकारियों के साथ घटनास्थल पर पहुंचे. जहां से मृत बाघ के शव को बरामद किया गया. पूरी जांच पड़ताल के बाद डॉक्टरों की टीम के द्वारा उसकी मेडिकल जांच की गई उसके बाद उसका अंतिम संस्कार किया गया. वहीं दूसरे घायल बाघ की तलाश की जा रही है. रेंजर सुनील कुमार पाठक ने बताया कि वर्चस्व की लड़ाई में दो बाघ आपस में भिड़े थे. इसमें एक की मौत हुई है. वहीं डीएफओ प्रदुमन गौरव ने बताया कि जहां से मृत बाघ के शव को बरामद किया गया, वहां पर दो बाघों की आपस में लड़ने का निशान पाए गए. जांच टीम में डॉ नेशा मालिक, डॉ संजीव कुमार, डॉ मनोज टोनी, बायोलॉजी स्ट पंकज ओझा, इको विकास समिति के अध्यक्ष परदेसी नाथ आदि उपस्थित थे. बता दें कि वीटीआर में बाघों की संख्या कुल 55 हो गई है. क्षेत्रफल के हिसाब से बाघों की संख्या अधिक हो जाने के कारण यह बाघ वर्चस्व की लड़ाई में एक दूसरे से भिड़ते रहते हैं. जंगल में प्रवेश पर रोक: इधर, बाघों की भिड़ंत में एक की मौत और दूसरे के जख्मी होने की घटना के बाद वन विभाग ने आमलोगों के जंगल में प्रवेश पर रोक लगा दी है. सूत्रों की मानें तो जख्मी बाघ के हिंसक होने की आशंका के चलते ऐसा किया गया है. टाइगर ट्रेकरों को उसके लोकेशन ट्रेस करने में लगाया गया है. अधिकारियों की मानें तो जिस बाघ की मौत हुई है, वह आठ साल का नर बाघ था.
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