बेतिया. कार्यक्षेत्रों में डॉक्टरों व चिकित्सा जगत से जुड़े लोगों की सुरक्षा से समझौता हम बर्दास्त नहीं कर सकते. मंगलवार की देर शाम जीएमसीएच परिसर से निकले कैंडल मार्च का नेतृत्व करते हुए जिले के वरीय चिकित्सक तथा आईएमए के पूर्व अध्यक्ष डॉ सुशील प्रसाद चौधरी ने उक्त बातें कहीं. आईएमए अध्यक्ष डॉ एस एन क्योलियार ने कहा कि विगत 9 अगस्त की रात में कोलकाता के आर जी कर मेडिकल कॉलेज व अस्पताल में द्वितीय वर्ष की पीजी मेडिकल छात्रा के साथ रेप एवं हत्या की विरोध में आईएमए के आह्वान पर आईएमए जिला इकाई द्वारा कैंडल मार्च निकाल आक्रोश जताया गया. मार्च जीएमसीएच परिसर से शुरू होकर सब्जी बाजार, आलोक भारती चौक, शहीद स्मारक होते हुए सोआ बाबू चौक पहुंचा. जहां चिकित्सकों ने विरोध प्रदर्शन करते हुए स्थानीय राज्य व केन्द्र सरकार से मांग किया कि दोषियों के ऊपर जल्द से जल्द कड़ी कार्रवाई की जाये. घटना की सीबीआई जांच हो. आईएमए प्रवक्ता डॉ उमेश कुमार ने कहा कि ड्यूटी के दौरान एक महिला चिकित्सक की रेप के बाद हत्या कर दी जाती है और कॉलेज प्रशासन देखते रह जाता हैं. सरकार को मेडिकल प्रोटेक्शन एक्ट के प्रावधानों को सख्त करते हुए इसे कड़ाई के साथ लागू करने की जरूरत हैं. मौके पर जीएमसीएच अधीक्षक प्रो डॉ सुधा भारती, प्राचार्य प्रो डॉ दिनेश कुमार, भूतपूर्व सिविल सर्जन डॉ अरुण कुमार सिन्हा, डॉ इंतेसारूल हक, फिजिशियन व हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ राकेश रौशन, डॉ दिलीप कुमार, लैप्रोस्कोपिक सर्जन डॉ मोहनीश सिन्हा, हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ विवेक कर्ण, डॉ उपेन्द्र कुमार, डॉ स्वप्निल कुमार, शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ दिनेश राय, डॉ महाश्रय सिंह, डॉ संजय कुमार, डॉ विरेन्द्र कुमार, चर्म रोग विशेषज्ञ डॉ शिवशंकर शर्मा, डॉ गरिमा गीतांजलि के साथ-साथ सैकड़ो की संख्या में इंटर्न व मेडिकल स्टूडेंट्स मौजूद रहें. इंटर्नस ने बंद करायी जीएमसीएच ओपीडी बुधवार को जीएमसीएच में इंटर्न डॉक्टर्स द्वारा जीएमसीएच ओपीडी को बंद कराया गया. बुधवार को ओपीडी अपने निर्धारित समय सुबह आठ बजे से संचालित हो रही थी. लगभग 11 बजे इंटर्न डॉक्टर्स के ग्रुप द्वारा ओपीडी के कामकाज को ठप करा घटना के विरोध में प्रदर्शन कर स्थानीय स्तर पर भी कार्यावधि और छात्रावास में सुरक्षा की मांग की गई.
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