शिवाजी के जीवन से मिलती है राष्ट्रप्रेम की सीख
शिवाजी ने इस राष्ट्र के लिये जो त्याग किया वह हम सबके लिए प्रेरणा का स्रोत है.
बेतिया . शिवाजी ने इस राष्ट्र के लिये जो त्याग किया वह हम सबके लिए प्रेरणा का स्रोत है. सबसे पहले हिंदू पद पादशाही की स्थापना करके उन्होंने हिंदुओं के सोये स्वाभिमान को जगाने का काम किया. जातिवाद के भेद को समाप्त करके अपने आप को केवल हिंदू होने पर गर्व की बात कही. आज समाज में शिवाजी के विचार को अगर लोग मानने लगे तो भारत को परम वैभव पर पहुंचते देर नहीं लगेगी. आज संघ शिवाजी के विचारों पर चल रहा है. उपरोक्त बातें राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रांत सह संघचालक प्रोफेसर राजकिशोर सिंह ने कही. वे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के तत्वावधान में हिंदू साम्राज्य दिनोत्सव पर आईटीआई प्रांगण में आयोजित कार्यक्रम में उपस्थित सैकड़ों स्वयंसेवकों को संबोधित कर रहे थे. इस क्रम में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित प्रतिष्ठित व्यवसायी रूपेश रंजन ने कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की पहचान उसके स्वयंसेवकों से है. समाज के विभिन्न क्षेत्रों में संघ ने जो काम किया है. वह सबके लिए प्रेरणा का स्रोत है. आज जब भी समाज पर कोई विपत्ति आती है तो सबसे पहले संघ के लोग खड़े दिखाई देते हैं. नगर कार्यवाह जितेंद्र कुमार ने बताया कि संघ के उत्सवों में से हिंदू साम्राज्य दिनोत्सव भी एक है जिसे प्रत्येक स्वयंसेवक धूमधाम से मनाता है. बता दें कि हिंदू साम्राज्य दिनोत्सव के अवसर पर रविवार को स्वयंसेवकों द्वारा आईटीआई क्षेत्र में पथ संचलन का आयोजन किया गया, जहां घोष की ताल पर कदम से कदम मिलाकर चलते स्वयंसेवकों को देखकर लोग हथप्रभ रह गए. आईटीआई प्रांगण से निकलकर संचालन हॉर्लिक्स ए कॉलेज भानगढ़ टोली होते हुए चेक पोस्ट पहुंचा, जहां से वापस आईटीआई प्रांगण पहुंचकर संचलन का समापन हुआ. इस दौरान कई स्थानों पर लोगों ने पुष्प वर्षा की. मौके पर विभाग संघ चालक राज किशोर प्रसाद, जिला संघचालक मंकेश्वर प्रसाद, विभाग कार्यवाह कृष्णा पासवान, जिला कार्यवाह अमरेंद्र कुमार समेत सैकड़ों की संख्या में स्वयंसेवक उपस्थित रहे.
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