आस में लोग, कब बरसेंगे बदरा
छुट्टी के दिन के बाबजूद लोग दिन के समय घरों में ही रहना ज्यादा सुरक्षित समझें, नतीजतन नगर का व्यवसायिक हब सुप्रिया रोड भी दिन के समय खाली ही दिखा.
बेतिया . लोग इस आस में एक-एक दिन बीता रहे हैं कि शायद आज बारिश होगी. आज जमकर बदरा बरसेंगे और सबको इस जलने वाली गर्मी से राहत मिलेगी. लेकिन रविवार को भी गर्मी, उमस और चिलचिलाती धूप ने आम जनजीवन प्रभावित कर दिया. छुट्टी के दिन के बाबजूद लोग दिन के समय घरों में ही रहना ज्यादा सुरक्षित समझें, नतीजतन नगर का व्यवसायिक हब सुप्रिया रोड भी दिन के समय खाली ही दिखा. दूर दराज व ग्रामीण क्षेत्र के लोग ही खरीदारी या अन्य कारणों से शहर में नजर आ रहे थे. तो वही शहरवासी तथा स्थानीय लोग शाम छह बजे के बाद सड़कों पर निकलना बेहतर समझ रहे हैं. जिस कारण अब बेतिया में भी नौ या साढ़े नौ बजे रात तक लोग बाजार की सड़कों पर दिखाई दे रहे हैं. हद तो यह कि सुबह आठ बजे के बाद से लेकर शाम के पांच बजे तक की भी धूप भी लोगों के लिए असहनीय साबित हो रही है. वैसे अवकाश के दिन होने के कारण रविवार को दोपहर में अधिकतर मुख्य सड़कें और गली मोहल्लों की सड़कों पर वीरानगी पसरी रही. रविवार को 40 डिग्री तापमान रहा, लेकिन एहसास 50-55 डिग्री का हो रहा था. स्थिति यह रही कि रविवार का दिन होने के कारण कई लोग घरों में ही दुबके रहे. जिन लोगों को बाहर दुकान पर किसी तरह का सामान खरीदने जाना था या तो वे छाता के सहारे या माथे पर पगड़ी या गमछे का प्रयोग करते देखे गये. खासकर घरों के दरवाजे तक सूने रहे, ऐसा लगा कि घर में कोई छोटे बच्चे ही नहीं हैं. सुप्रिया रोड निवासी केदार प्रसाद बताते हैं कि यह भीषण गर्मी के बीच असहनीय धूप खतरनाक ही नहीं मानव के पूरे शरीर के लिए अत्यधिक हानिकारक है. जिनका पसीना ज्यादा निकल जाता है, वे लोग बता रहे हैं कि उन्हें कमजोरी महसूस होने लग रही है. यहीं कारण है कि बिना वजह कोई घर से बाहर नहीं निकल रहा.
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