बेतियाराज की भूमि पर टाउनशिप बसाने की योजना, मॉल व पार्क भी बनेंगे

बेतिया राज (अब बिहार सरकार) की भूमि के बड़े प्लाटों को विकसित करने की पहल बिहार औद्योगिक विकास प्राधिकार (बियाडा) ने की है.

By Prabhat Khabar News Desk | December 19, 2024 8:44 PM
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बेतिया. बेतिया राज (अब बिहार सरकार) की भूमि के बड़े प्लाटों को विकसित करने की पहल बिहार औद्योगिक विकास प्राधिकार (बियाडा) ने की है. इसके लिए राजस्व पर्षद के अपर मुख्य सचिव के दिशा निर्देश पर बियाडा के प्रबंध निदेशक कुंदन कुमार ने बेतिया राज के खाली पड़े भूखंडो का जायजा लिया.

जिलाधिकारी से भी बातचीत कर खाली पड़े भूखंडों को विकसित करने के लिए कौन कौन सी योजना क्रियान्वित करायी जा सकती है इसपर विचार विमर्श हुआ. प्रबंध निदेशक कुंदन कुमार ने इसी कड़ी में शहर के 110 एकड़ जमीन में फैले बेतिया राज के हजारी पशु मेला ग्राउंड के साथ हीं साथ लालगढ़ में मौजूद बेतिया राज के 90 एकड़, छावनी बानुछापर में मौजूद 45 एकड़ एवं कुमारबाग में मौजूद 35 एकड़ भुखंड का जायजा लिया. सबकुछ ठीक-ठाक रहा तो हजारी ग्राउंड में झारखंड के बोकारो व जमशेदपुर के तर्ज पर टाउनशीप विकसित करने की योजना को मूर्तरुप सरकार दे सकती है. टाउनशीप के विकास में सभी मूलभूत सुविधाओं के अलावे अत्याधुनिक आधारभूत संरचनाओं का भी ध्यान रखा जाएगा. यहां मॉल, पार्क, खेल मैदान आदि का निर्माण होगा. ताकि सभी तरह की सेवा प्रदाता एजेंसिया आकर्षित हो सके. साथ ही वें अपने-अपने कार्यालयों का संचालन इस बिल्डिंग से कर सके. अगर ऐसा होता है,तो जिला में रोजगार की संभावनाएं तो बढ़ेगी ही, स्थानीय स्तर पर लोगों को रोजगार भी मिलेगा.

लालगढ़, कुमारबाग में उद्योगों की होगी स्थापना

बियाडा के एमडी कुंदन कुमार ने शहर से सटे बेतिया राज के कई बड़े प्लॉटों का भी जायजा भी लिया. इस दौरान डीएम के निर्देश पर एडीएम सह राज प्रबंधक अनिल कुमार सिन्हा भी उनके साथ रहे. उन्होंने शहर के छावनी के पास 45 एकड़, कुमारबाग के समीप 35 एकड़ व बेतिया से सरिसिवा जाने वाली मुख्य सड़क लालगढ़ में 90 एकड़ जमीन का स्थानीय निरीक्षण किया. बियाडा के एमडी के इन जगहों के निरीक्षण से जिले में औद्योगिकरण की राह प्रशस्त हो रही है. वहीं लालगढ़ के समीप रेल मार्ग होने के कारण यहां ड्राइ पोर्ट के विकास का भी संभवनाएं जग रही है. हालांकि यह माना जा रहा है कि बेतिया राज की संपत्ति सरकार के होने के बाद उसके खाली पड़े जमीनों का उपयोग औद्योगिक विकास, शैक्षणिक विकास,स्वास्थ्य व जनउपयोगी योजनाओं का विकास तेजी से होगा.

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