स्कूल जांच का पैटर्न बदला, अब अनुश्रवण के चार खंड में कुल 30 बिंदुए निर्धारित
गुणवत्तापूर्ण स्कूली शिक्षा के लिए विभाग का पैटर्न बदलने लगा है. इसके लिए डीईओ रजनीकांत प्रवीण ने मंगलवार को देर शाम तक बीइओ के साथ तैनात अन्य स्कूल निरीक्षकों के साथ बैठक की.
बेतिया. गुणवत्तापूर्ण स्कूली शिक्षा के लिए विभाग का पैटर्न बदलने लगा है. इसके लिए डीईओ रजनीकांत प्रवीण ने मंगलवार को देर शाम तक बीइओ के साथ तैनात अन्य स्कूल निरीक्षकों के साथ बैठक की. बैठक में नए पैटर्न से शुरू निरीक्षण अभियान को लेकर बीईओ व अन्य को दिए गुणात्मक शिक्षा प्रभावी बनाने के लिए डीईओ के द्वारा अनेक टिप्स दिए. श्री प्रवीण ने कहा कि सारी कवायद का उद्देश्य प्रारंभिक शिक्षा व्यवस्था को बुनियादी गुणवत्ता के साथ प्रभावी बनाना है. अबकी बार के निरीक्षण अभियान को ले जारी तीन पन्ने के निरीक्षण प्रपत्र प्रारूप का विश्लेषण करते हुए डीईओ ने बताया कि अब इसी के आधार पर एक एक स्कूल की उपलब्धि, जरूरत और धरातलीय स्थिति का आंकलन होगा. स्कूल में उपलब्ध संसाधन, नामांकन, वर्ग वार उपस्थिति के साथ पठन पाठन व्यवस्था का विस्तार से आंकलन उपलब्ध प्रपत्र को विस्तार पूर्वक भरने के साथ ही पूरा हो जाएगा. स्कूल निरीक्षकगण स्कूल जांच के बदले पैटर्न की जानकारी देते हुए बताया गया कि अब अनुश्रवण के लिए उपलब्ध चार खंड वाले प्रपत्र में कुल 30 बिंदुएं निर्धारित हैं. पहले खंड में स्कूल में उपलब्ध सुविधा संसाधन का कुल बीस बिंदुओं पर लिखित आंकलन प्रस्तुत करना है. दूसरे खंड में नौ बिंदुओं पर विद्यार्थियों की और तीसरे खंड में भी निर्धारित नौ नौ बिंदुओं पर शिक्षक शिक्षिकाओं की स्थिति और उपस्थिति का आंकलन करना है. इसी प्रकार चौथा खंड पोषक क्षेत्र के गैर नामांकित और नामांकन के बावजूद नियमित स्कूल नहीं आ रहे विद्यार्थियों की पड़ताल के बाद स्कूल निरीक्षक को ऐसे बच्चों के अभिभावक से मिलकर प्रेरित करने को कहा गया है. इस निरीक्षण प्रशिक्षण बैठक में समग्र शिक्षा के डीपीओ मनीष कुमार सिंह और लेखा योजना की डीपीओ अलका सहाय तथा डीपीएम आदि की महत्वपूर्ण भागीदारी रही.
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