चनपटिया. प्रसव के दौरान जच्चा-बच्चा की मौत के मामले में स्वास्थ्य विभाग की टीम ने शुक्रवार को निजी अस्पताल में छापेमारी और जांच किया. टीम ने निजी अस्पताल के अलग-अलग कमरों के अवलोकन के क्रम में पाया कि बड़ा बस स्टैंड चौक पर स्थित निजी नर्सिंग होम का एक कमरा के अलावा सभी कमरा खुला हुआ था. स्थल पर खून के अलावा रुई, सिरिंज, दवा, टूटा हुआ टेबल-कुर्सी बिखरा पड़ा था. जिससे यह प्रतीत हो रहा था कि उक्त मकान में नर्सिंग होम संचालित हुआ है. सीएचसी के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. प्रदीप कुमार ने बताया कि जांच के दौरान नर्सिंग होम को अवैध पाया गया है. मकान मालिक से भी एकरारनामे की कॉपी मांगी गई है. वही अवैध नर्सिंग होम को सील करने की दिशा में एसडीएम को पत्र लिखकर मजिस्ट्रेट की मांग की गई है. बताया जाता है कि कुमारबाग क्षेत्र के बनकटवा निवासी राकेश राम की पत्नी ललिता देवी को गुरुवार सुबह डिलीवरी के लिए परिजनों ने चनपटिया सीएचसी में भर्ती कराया था. सीएचसी से मरीज को रेफर करने के बाद उसके परिजन अस्पताल में कार्यरत एक ममता की झांसे में आकर मरीज को नजदीक के ही एक निजी अस्पताल में भर्ती करा दिया. जहां निजी अस्पताल में ऑपरेशन से महिला की डिलीवरी के बाद नवजात की मौत हो गई थी. ऑपरेशन के कुछ देर बाद महिला ने भी दम तोड़ दिया था. परिजनों ने चिकित्सक पर उपचार में लापरवाही बरतने का आरोप लगाते हुए अस्पताल में हंगामा व तोड़फोड़ की थी. सूचना पर पहुंची पुलिस ने लोगों को समझा-बूझाकर मामला शांत कराया था. हालांकि मामले में शव के पोस्टमार्टम के बाद परिजनों ने अब तक एफआईआर भी दर्ज नहीं कराई है. टीम के प्रमुख सीएचसी प्रभारी ने बताया कि अवैध नर्सिंग होम के खिलाफ टीम गठित की गई है. जल्द ही सभी अवैध नर्सिंग होम को सील किया जाएगा. स्थलीय जांच टीम में सीएचसी के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ प्रदीप कुमार, बीएचएम शशांक शेखर समेत स्वास्थ्य कर्मी रजनीकांत मिश्र शामिल रहे.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है