रामनगर. बीते गुरुवार को जम्मू-कश्मीर में खाई में गिरने से काल का ग्रास बने राजन मुखिया का शव बुधवार की रात उसके पैतृक गांव बेलौरा लाया गया. जिससे पूरे 8 वें दिन गुरुवार को उसका अंतिम संस्कार हो सका. शव के आने के साथ ही स्थानीय ग्रामीणों का जमावड़ा उमड़ पड़ा. मृतक की पत्नी शव से लिपटकर रातभर रोती रही. अपनी मां को पिता के शव के साथ रोता देख उसके तीनों मासूम बच्चों का रो रोकर बुरा हाल रहा. लकड़ी के बक्से (ताबूत) में बंद शव को बाहर निकाल मुखाग्नि दी गयी. मृतक के अंतिम संस्कार में भी सैकड़ों स्थानीय लोगों ने भाग लिया. मृतक के बड़े चाचा मोती मुखिया ने मुखाग्नि दी. बताते चले कि बालू खनन के लिए कश्मीर जाते 28 वर्षीय राजन मुखिया की बोलेरो खाई में गिरने से मौत हो गयी थी. तभी से उसके शव को घर आने की स्थानीय लोगों को प्रतीक्षा थी. बीते दो दिनों से शव को आने की सूचना मिल रही थी. लेकिन अज्ञात कारणों से उसका शव उसके पैतृक गांव नहीं पहुंचा. फिर बुधवार को उसके दिल्ली एयरपोर्ट आने की खबर मिली. फिर वहां से पटना लाया गया. पटना से एंबुलेंस द्वारा रात के 10:30 बजे लकड़ी के बक्से में बंद उसका शव उसके गांव लाया गया.
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कश्मीर में सड़क दुर्घटना में मरे राजन का शव पहुंचा गांव
रामनगर. बीते गुरुवार को जम्मू-कश्मीर में खाई में गिरने से काल का ग्रास बने राजन मुखिया का शव बुधवार की रात उसके पैतृक गांव बेलौरा लाया गया.
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