इसरो ” में प्रथम श्रेणी के एरोनॉटिक वैज्ञानिक पद पर चुने गए मच्छरगावां के सौरभ

मच्छरगावां नगर पंचायत के साधारण किसान रणजीत सिंह एवं गृहिणी माता शशि कला देवी के पुत्र सौरभ कुमार सिंह का चयन देश में प्रतिष्ठित और दुनिया भर में चर्चित "इसरो " अर्थात भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन में प्रथम श्रेणी के एरोनॉटिक इंजीनियर सह प्रथम श्रेणी के वैज्ञानिक पद पर हुआ है.

By Prabhat Khabar News Desk | December 18, 2024 9:01 PM

बेतिया. मच्छरगावां नगर पंचायत के साधारण किसान रणजीत सिंह एवं गृहिणी माता शशि कला देवी के पुत्र सौरभ कुमार सिंह का चयन देश में प्रतिष्ठित और दुनिया भर में चर्चित “इसरो ” अर्थात भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन में प्रथम श्रेणी के एरोनॉटिक इंजीनियर सह प्रथम श्रेणी के वैज्ञानिक पद पर हुआ है. मंगलवार को देर शाम इसकी जानकारी मिलने पर परिवार, समाज और सगे संबंधियों में खुशी की लहर दौड़ गई है. क्षेत्रीय विधायक और सूबे के पूर्व मंत्री विनय बिहारी ने राष्ट्रीय स्तर की इस प्रतिष्ठित प्रतियोगी परीक्षा में अपने पड़ोस के युवक के चयन को संपूर्ण क्षेत्र के साथ पूरे चंपारण के लिए एक बड़ी उपलब्धि बताया है. वही सौरभ के किसान पिता रणजीत कुमार सिंह और गृहिणी माता शशि कला देवी ने कहा कि बीते साल मामूली अंतर से मेरा बेटा इस पद पर चयनित होने से चूक गया था. उसने कनीय पद पर योगदान के बजाय एक साल और तैयारी में लगा कर हम सबको बेहद गौरवान्वित होने का सौभाग्य दिया है. सौरभ ने कहा प्रथम श्रेणी के सर्वोच्च स्केल 10 में उसका चयन उसके माता पिता और स्वर्गीय दादा मदन सिंह के आशीर्वाद का प्रतिफल है. उसने उत्तराखंड के ग्राफिक एरा यूनिवर्सिटी से मेकेनिकल इंजीनियरिंग में प्रथम श्रेणी में डिस्टिंगन के साथ बीटेक किया है. इस रिजल्ट के आधार पर उसका चयन आईआईटी दिल्ली में एमटेक के लिए हुआ. जहां से अगले करीब तीन माह में उसे मेकेनिकल इंजीनियरिंग में एमटेक की डिग्री मिलने वाली है. सौरभ कुमार सिंह ने बताया कि अबतक के उसके उम्दा करियर को लेकर देश और विदेश से भी उसको अनेक ऑफर आए हैं. लेकिन मेरा संकल्प बीते करीब एक दशक में अनेक महत्वपूर्ण अंतरिक्ष अनुसंधान को नई ऊंचाई देने वाले “इसरो ” का सदस्य बनने का था. ताकि पूरी दुनिया में कामयाबी का परचम लहरा रहे “इसरो ” का सदस्य बन कर मैं भी अंतरिक्ष अनुसंधान के क्षेत्र में देश की उपलब्धियों को और ऊंचाई देने में अपना अधिकतम योगदान दे सकूं. यह सपना साकार होने पर मैं खुद को बेहद सौभाग्यशाली महसूस कर रहा हूं.

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