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तपती दुपहरी में स्कूल से हो रही छुट्टी, सांसत में अभिभावकों की जान

अप्रैल के महीने में जिस तरह से धूप के तेवर तीखे हैं. ऐसे में यह स्पष्ट है कि इस वर्ष गर्मी बहुत लोगों को बीमार करेगी.

बेतिया.अप्रैल के महीने में जिस तरह से धूप के तेवर तीखे हैं. ऐसे में यह स्पष्ट है कि इस वर्ष गर्मी बहुत लोगों को बीमार करेगी. इस धूप और गर्मी से बच्चों को बचाना जरूरी हैं. लेकिन शहर में अभी स्कूलों को मॉर्निंग नहीं किया गया है. तपती दुपहरी में स्कूलों की छुट्टी हो रही है. इससे बच्चों के सेहत पर असर तो पड़ ही रहा है अभिभावकों की जान भी सांसत में है.

जीएमसीएच के शिशु रोग विभाग के अस्सिटेंट प्रोफेसर व जिले के प्रसिद्ध शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ कुमार सौरभ ने कहा कि पिछले वर्ष जून के महीने में अस्पतालों में बच्चों के बेड भर गये थे. लेकिन इस साल अभी से ही स्थिति गंभीर होने लगी हैं. जीएमसीएच की ओपीडी के साथ साथ वार्ड तथा निजी क्लिनिकों में बीमार बच्चे आ रहे हैं. स्वास्थ्य विभाग द्वारा जेई अर्थात जापानी इंसेफेलाइटिस का अलर्ट जारी कर दिया गया हैं. गर्म हवाओं व लू से बचाव को लेकर सरकार द्वारा एडवाइजरी जारी कर दी गई हैं.

– बच्चों की निगरानी जरूरी, तुरंत बिगड़ रही स्थिति

डॉ कुमार सौरभ ने कहा कि सरकारी विद्यालयों में गर्मी की छुट्टी हो गई हैं. विशेष पढ़ाई के कारण 11 बजे तक कक्षाएं संचालित हो रही हैं. लेकिन प्राइवेट स्कूलों ने तो छोटे बच्चों का भी बचपन छीन लिया हैं. भारी बस्तें और हेवी होमवर्क का बोझ तो पहले से है ही. लेकिन अब विद्यालय के टाइम टेबल को लेकर भी उनकी मनमानी बढ़ने लगी हैं. शहर के स्कूलों की छुट्टियां एक बजे के बाद कर रहे हैं. सभी स्कूलों की एक साथ छुट्टियां, सड़क पर जाम. नतीजतन बच्चें धूप में घर पहुंचते हैं. ग्लुकोज़ लेबल डाउन हो जाता हैं. तबीयत खराब होता हैं. अभिभावक इसे गंभीरता से नहीं लेते हैं. अगले दिन फिर वही स्थिति. नतीजतन तबीयत खराब. लुज मोशन, डिहाइड्रेशन, हाई फीवर. उसके बाद शुरू होता हैं. अस्पतालों और क्लिनिकों का चक्कर. अगर ससमय इलाज हुआ, तो बच्चा ठीक भी हो सकता है और अगर स्थिति गंभीर हो गई तो ऐसे में बच्चे को बचाना मुश्किल हो जाता हैं.

– क्या हैं जरुरी

डॉक्टर के मुताबिक जरूरत है कि बच्चों के खान पान पर माता पिता ध्यान दें. बासी, तले भुने, फास्ट फूड, मैगी, नुडल्स तथा हेवी डाइट से भी बच्चों को अभी दूर रखें. धूप से आने के बाद तुरंत नहाने नहीं दें, फ्रिज का पानी पीने को नहीं दे, एसी के एक्सपोजर से भी दूर रखें. जितना हो सकें उतना नॉर्मल और साफ पानी पिलाएं. ताजे फल खिलाएं. फलों का जूस भी दे सकते हैं. बच्चों को सुबह का नाश्ता, स्कूल के लिए टिफिन, स्कूल से आने के बाद खाना और फिर रात में भोजन अवश्य करायें. ग्लूकोज, ओआरएस, नींबू पानी, नारियल पानी, नमक चीनी का घोल, छाछ या शरबत बच्चों के आहार में शामिल कर दें.

– पटना में निकला आदेश, जिले में इंतजार

निजी स्कूल और कोचिंग संस्थानों में टाइम टेबल को लेकर पटना जिला प्रशासन ने आदेश जारी कर दिया हैं. जिसमें दसवीं कक्षा तक की शैक्षणिक गतिविधियों पर 11:30 बजे से शाम 4:00 बजे तक प्रतिबंध हैं. अर्थात इस अवधि में स्कूल और कोचिंग संस्थानों में पढ़ाई नहीं होगी. फिलहाल पश्चिम चंपारण जिले में ऐसे आदेश का इंतजार जिलेवासी कर रहे हैं.

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