बर्फीली हवाओं के साथ कनकनी भरी ठंड व शीतलहर का प्रकोप जारी

माघ आया मंद-मंद, कड़ाके की सर्दी से ठिठुरा अंग-अंग, फिर सर्द पवन अब चलने लगी सर्दी बेदर्दी अब सिरदर्दी बनने लगी है.

By Prabhat Khabar News Desk | January 20, 2025 8:54 PM

बगहा/हरनाटांड़. माघ आया मंद-मंद, कड़ाके की सर्दी से ठिठुरा अंग-अंग, फिर सर्द पवन अब चलने लगी सर्दी बेदर्दी अब सिरदर्दी बनने लगी है. इसी कहावत ने माघ माह की ठंड ने लोगों को घरों में कैद कर दिया है. दो दिनों से सुबह से शाम तक घना कोहरा देखने को मिल रहा है. इससे यातायात प्रभावित हो रहा है. दिन-रात चल रही तेज सर्द हवाएं न केवल जनमानस बल्कि पशु-पक्षी और वनस्पतियों के स्वास्थ्य पर भी गहरा असर डाल रही है. ठंड इतनी बढ़ गयी है जिसके घर में बुजुर्ग वा छोटा बच्चा है उसको अलग से परेशानी बनी हुई है. लोग सर्दी को बेदर्दी कहने लगे है. कई लोग इसको सिरदर्दी भी बताने लगे है. बुजुर्गों व हृदय रोग के मरीजों को विशेष सावधानी बरतने की सलाह स्वास्थ्य विभाग द्वारा दी जा रही है. जबकि बच्चों को विशेष रखरखाव के तहत सुरक्षित रखने की सलाह स्वास्थ्य कर्मी आशा व एएनएम द्वारा देते हुए जागरूक किया जा रहा है.

बर्फीली हवाओं के कारण तापमान में कोई बढ़ोतरी नहीं

बगहा दो के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. राजेश सिंह नीरज ने बताया कि ठंड में शारीरिक रूप से कमजोर लोगों के अलावा बुजुर्ग और बच्चों व महिलाओं को सबसे ज्यादा परेशानी हो रही है. जिसको लेकर एएनएम व आशा के माध्यम से लोगों को जागरूक कर ठंड से बचने व खानपान में गर्म पदार्थों के उपयोग की सलाह दी जा रही है. साथ ही घरों में भी गर्माहट रखने के लिए जागरूक किया जा रहा है. ताकि आसपास साफ सफाई व गर्म कपड़ा के साथ गर्म पदार्थों के सेवन से ठंड से बचा जा सकता है. गर्म व ताजा भोजन की सलाह देते हुए अनावश्यक घर से बाहर नहीं निकलने की सलाह दी जा रही है.

ठंड से जनजीवन प्रभावित, न्यूनतम सात डिग्री पहुंचा तापमान

कोहरे के साथ चल रही बर्फीली हवाएं इतनी सर्द है कि लोगों को न तो दिन में चैन मिल रहा है और ना ही रात में आराम. ठंड का प्रकोप बढ़ जाने से हर किसी की परेशानी बढ़ती स्वाभाविक है. लेकिन अलाव, हीटर व कंबल या रजाई के उपयोग से इसके प्रभाव को कम किया जा सकता है. जिसको लेकर लोग दिनभर अलाव तापते रहे. कड़ाके की ठंड के कारण लोग अपने दैनिक दिनचर्या के कार्य भी ठीक से नहीं कर पा रहे हैं. सभी प्रकार के व्यापार और कारोबार का बुरा हाल है. बाजार में सिर्फ दैनिक जरूरतों का सामान ही बिक रहा है. अन्य सभी व्यापारी बाजार में भीड़ न होने के कारण ग्राहकों के इंतजार में दिनभर खाली बैठे हुए हैं. कड़ाके की ठंड के चलते रोडवेज बसों में यात्रियों की भारी कमी है.

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