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बहना ने भाई की कलाई पर प्यार बांधा है रेशम की डोरी से संसार बांधा है…

जिले के शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में भाई और बहनों के प्रेम और स्नेह का पर्व रक्षाबंधन सोमवार को धूमधाम से मनाया गया.

बेतिया. जिले के शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में भाई और बहनों के प्रेम और स्नेह का पर्व रक्षाबंधन सोमवार को धूमधाम से मनाया गया. इस दौरान कई संस्थाओं और सामाजिक संगठनों के माध्यम से लोगों ने वृक्षों, गायों, एसएसबी व पुलिस जवानों को भी राखी बांधकर प्यार बांटा. इस दौरान बहनों ने भाइयों को उनके दीर्घायु व बहनों की सुरक्षा का आशीर्वाद व वचन दिया गया. रक्षाबंधन पर्व को लेकर चारों ओर हर्षोल्लास का माहौल रहा. बेतिया के पिंजरा पॉल गौशाला में गायों को राखी बांधने और गायों के लिए चारा के लिए राशि दान की होड़ रही.

मैनाटांड़ प्रतिनिधि के अनुसार हालांकि भद्रा की समाप्ति के बाद अपराह्न डेढ़ बजे से राखी बांधने का काम बहनों ने शुरू किया. बहनों ने भाई की कलाई पर रक्षा सूत्र बांधकर दीर्घायु की कामना की, वहीं भाईयों ने भी बहन की रक्षा का संकल्प लिया और उपहार देकर उनकी खुशियों में शरीक हुए. बहन ने भाई की कलाई पर प्रेम की डोर बांधी, तो भाई ने भी बहनों की जीवन भर रक्षा करने का संकल्प लिया. खास बात रही कि हर भाई ने बहन को जो उपहार भेंट किए, बहन ने भी उसका कीमत से नहीं आंका, बल्कि उसमें छिपे प्यार को महत्व दिया. वहीं रक्षाबंधन पर्व पर मिठाई की खास मांग रहती है. सोमवार के सुबह से ही मिठाई की दुकानों पर भीड़ शुरू हो गई. वहीं बहनें अपने भाई की पसंदीदा मिठाई खरीदती नजर आईं. इनमें काजू बर्फी, रसगुल्ले, गुलाब जामुन, मिल्क केक, घेवर आदि की जमकर खरीददारी हुई.

सिकटा प्रतिनिधि के अनुसार बहन भाईयों के अटूट प्रेम का त्योहार रक्षाबंधन पूरे प्रखंड में हर्षोल्लास पूर्वक मनाया गया. सीमा जागरण मंच के तत्वावधान में स्थानीय एसएसबी कैम्प में जवानों एवं पुलिसकर्मियों को रक्षाबंधन का त्यौहार मनाया गया. देश की सुरक्षा में लगे जवानों को यहां की बच्चियों ने उनके कलाई पर राखी बांधकर उनसे आशीर्वाद लिया. अंजली, पायल, निर्मला, जया, ज्योति, आदि ने बताया कि अपना सब कुछ छोड़कर देश की रक्षा और सुरक्षा में लगे जवानों की हाथ की कलाई कैसे सुनी रह सकती है. हमसभी ने उन सबों की सुनी कलाईयों पर राखी बांध कर उनसे आशीर्वाद भी लिया और उनकी लंबी उम्र की कामना भी किया. सिकटा एसएसबी कैम्प प्रभारी निरीक्षक सर्वेश कुमार सिंह और थानाध्यक्ष राज रौशन ने संयुक्त रूप से कहा कि देश भी एक परिवार ही है. बहनों ने राखियां बंधी घर जैसा माहौल बना, बहन की कमी महसूस नहीं हुई. इधर रक्षाबंधन के अवसर पर मिठाईयों के दुकानों पर भीड़ लगी रही. बाजारों में भी चहलकदमी देखी गई. इस मौके पर थानाध्यक्ष राज रौशन, मुखिया प्रतिनिधि राजन चौरसिया, मंटू सर्राफ, उप मुखिया संजय सर्राफ, गोलू, सोनू, अर्पित, छोटू शिवम और रिपु सर्राफ समेत कई अन्य एसएसबी के जवान और लड़कियां मौजूद रही.

मझौलिया प्रतिनिधि के अनुसार भाई बहन के अटूट और पावन प्रेम के प्रतीक रक्षाबंधन का पर्व पूरे प्रखंड में धूमधाम के साथ मनाया गया. निर्धारित समय आते ही बहनों ने अपने-अपने भाइयों की कलाइयों पर राखी बांध कर तिलक लगाया, आरती उतारी, मिठाई खिलाई तथा भाइयों से यह वचन लिया कि संकट के समय मेरा भाई मेरी रक्षा करेगा. साथ ही भाइयों की दीर्घायु होने की कामना की. भाइयों ने भी राखी बंधवाने के बाद अपनी बहनों को मरते दम तक रक्षा करने का वचन दिया तथा उपहार भेंट किया. आचार्य पंडित डॉ विंध्यवासिनी तिवारी ने बताया कि पौराणिक मान्यता के अनुसार सुभद्रा ने भगवान श्री कृष्ण को राखी बांधकर अपनी रक्षा का वचन लिया था तो दूसरी तरफ रानी कर्णावती ने मुगल शासक हुमायूं से अपनी रक्षा करने के लिए राखी भेजा था. कहा जाता है कि भगवान श्री कृष्ण ने सुभद्रा की रक्षा की थी तो मुगल शासक हुमायूं ने रानी कर्णावती का राखी और संदेश मिलते ही रक्षा के लिए सेना सहित चल पड़ा था. प्राचीन काल से ही यह परंपरा चली आ रही है कि युद्ध भूमि में जाते समय सैनिकों को बहनों द्वारा रक्षा सूत्र बांधा जाता रहा था. रक्षाबंधन पर्व के पावन अवसर पर पूरा प्रखंड राखी के पावन गीत बहना ने भाई की कलाई पर प्यार बांधा है रेशम की डोरी से संसार बांधा है और जीअ भैया लाख बरीश तथा मेरी राखी का मतलब है प्यार भैया जैसे गीतों से गूंजित रहा. सुबह से ही बहनों ने अपने-अपने घरों की साफ सफाई कर अपने को सुसज्जित करते हुए भूखे प्यासे रहकर निर्धारित समय का इंतजार किया और निर्धारित समय होते ही आरती की थाल सजाकर पूरी तरह तैयार हो गई और पूरे श्रद्धा पूर्वक अपने भाइयों को राखी बांधी.

नौतन प्रतिनिधि के अनुसार रक्षाबंधन पर्व को लेकर प्रखंड क्षेत्र में हर जगह चहल पहल रही. सोमवार की दोपहर बाद शुरू हुई रक्षा बांधने की प्रकिया देर शाम तक चलती रही.शास्त्रों के अनुसार रक्षाबंधन पर्व पर सुबह से ही भद्रा दोष था. जिसको लेकर दोपहर डेढ़ बजे के बाद देर शाम तक रक्षाबंधन पर्व मनाने का सिलसिला चलता रहा.बहनों ने अपनी भाइयों के कलाई पर राखी बांध उनके जीवन की सलामती का आशीर्वाद देते हुए जीवन भर भाई बहन के प्यार को बनायें रखने की दुआएं मांगी. इस बीच बहनों ने भाइयों के माथे पर चंदन लगाकर आरती उतारते हुए रक्षा बांध मुंह मीठा कराईं. इस बीच पूरे प्रखंड क्षेत्र में रक्षाबंधन का त्योहार धूमधाम से मनाया गया.

वाल्मीकि व्याघ्र आरक्ष में पेड़ों में राखी बांध बचाने का दिलाया गया संकल्प

बेतिया. वाल्मीकि व्याघ्र आरक्ष के मुख्यालय से लेकर वन क्षेत्रों में पेड़ो को राखी और रक्षा सूत्र बांध पेड़ों को बचाने के साथ-साथ वन प्रमंडल एक के वन क्षेत्रों में “बाघ रक्षाबंधन महोत्सव ” मनाया गया तथा वनकर्मियों द्वारा बाघ के चित्र की बनी राखी को कलाईयों पर बांधा गया. मुख्यालय में राखी महोत्सव कार्यक्रम में वन संरक्षक-सह-क्षेत्र निदेशक डॉक्टर नेशामणि के, वन प्रमंडल एक के डीएफओ प्रघुम्न गौरव, बेतिया वन प्रमंडल बेतिया के डीएफओ आतिश कुमार, वन प्रमंडल एक के सहायक वन संरक्षक सिम्मी प्रियनैना एवं बेतिया वन क्षेत्र अधिकारी राम प्रवेश ठाकुर इत्यादि वनपाल, वनरक्षी कार्यालय कर्मचारी मौजूद रहे.

नरकटियागंज में एक साथ 191 एसएसबी जवानों ने मनाया रिश्तों की रक्षा का महापर्व रक्षाबंधन

नरकटियागंज. रिश्तों की रक्षा का महापर्व रक्षाबंधन यहां धूमधाम से मनाया गया. नगर के पिपरा दिउलिया अवस्थित एसएसबी 44 वी वाहिनी मुख्यालय में जवानों व अधिकारियों ने रक्षाबंधन पर्व में बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया. प्रांगण में सरस्वती शिशु मंदिर, नरकटियागंज की छात्राओं एवं शिक्षिकाओं तथा प्रजापिता बह्र्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय की अबिता बहन के नेतृत्व में बहनों ने जवानों व अधिकारियों की कलाई पर राखी बांध पर्व को मनाया.

इस दौरान एसएसबी के कमांडेंट बलवंत सिंह नेगी समेत 191 जवानों ने रक्षाबंधन के अवसर पर राखी बंधवाई और छात्राओं तथा बहनों को उपहार भेंट किया. इस अवसर पर कमांडेंट श्री नेगी ने कहा कि रक्षा बंधन का पर्व विशेष रुप से भावनाओं और संवेदनाओं का पर्व है. यह पर्व भाई -बहन के रिश्तों की अटूट डोर का प्रतीक है, यह पर्व भाई-बहन को आपस में जोड़ने के साथ साथ सांस्कृतिक, सामाजिक महत्व भी रखता है. रक्षाबंधन रिश्तों की रक्षा का भी महापर्व है. मौके पर द्वितीय कमान अधिकारी गोविन्द कुमार ठाकुर, उप कमान्डेंट प्रदीप कुमार मेधी, उप-कमाडेंट राजेश कुमार कुजूर सहित. अबिता बहन, पूजा बहन, दुर्गा बहन, वैभव भाई, पन्नालाल भाई, राजेन्द्र भाई अदि मौजूद रहे.

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