कटाव नियंत्रण कार्यालय के महज 500 मीटर की दूरी पर ही 150 फीट कट गया बांध, आंधी रात में मच गई भगदड़
सोमवार की देर रात बैरिया प्रखंड के पीडी रिंग बांध क्षतिग्रस्त होने से अफरातफरी मच गयी.
बेतिया/बैरिया . जिले के चखनी रजवटिया के समीप बीते दिन चंपारण तटबंध के क्षतिग्रस्त होने के बाद अभी उसकी मरम्मती का प्रयास शुरू भी नहीं हुआ कि सोमवार की देर रात बैरिया प्रखंड के पीडी रिंग बांध क्षतिग्रस्त होने से अफरातफरी मच गयी. इस रिंग बांध के टूटने के लिए ग्रामीणों ने विभागीय विफलता एवं लापरवाही का आरोप लगाया है. ग्रामीण गौरी शंकर कुमार, संदीप गुप्ता, राजू प्रसाद, रामजी पासवान, भागेलु साह का कहना है कि कटाव नियंत्रण कार्यालय के महज 500 मीटर की दूरी पर रिसाव हो रहा था. सूचना के बाद भी पदाधिकारी सक्रिय नहीं हुए और गंडक नदी बांध को अपने आगोश में ले लिया. इधर, रिंग बांध टूटने की खबर मिलते हीं चंपारण तटबंध एवं रिंग बांध के बीच में बसे गांवों के लोगों के बीच भगदड़ मच गया. सभी लोग अपने सामानों को लेकर सुरक्षित जगहों की तलाश में निकल गये. जिसको जो बन पाया वहीं लेकर निकल गया. रिंग बांध ध्वस्त होने से बैरिया प्रखंड के रनहा, बिनटोली, लालाटोला, नीतीशनगर, पखनाहा, जगीराहा, सिंगहीं समेत दर्जनों गांव गंडक नदी के बाढ़ के पानी के चपेट में आ गये है. गंडक नदी का पानी तेजी से निचले इलाकों में फैल रहा है. पीडी रिंग बांध एवं चंपारण तटबंध के बीच बसे गांवो के घरों में पानी फैलने लगा है. लोग अपने सामनों को उंचे स्थानों पर सुरक्षित रखने में जुटे हुए है. इस बीच तटबंध ध्वस्त होने की सूचना मिलते हीं एसडीएम डॉ विनोद कुमार, एसडीपीओ रजनीश कांत भी देर रात में हीं तटबंध पर पहुंचे और राहत कार्य आरंभ करवाया. इधर मंगलवार की सुबह जिलाधिकारी दिनेश कुमार राय, पुलिस अधीक्षक डॉ शौय सूमन ने भी प्रभावित स्थल एवं इलाके का दौरा किया. विभागीय अधिकारियों को हर हाल में राहत कार्य युद्धस्तर पर चलाने का निर्देश दिया गया है. विदित हो कि वर्ष 2003 में आयी भीषण बाढ़ में पीडी रिंग बांध ध्वस्त हो गया था. जिसका पुर्ननिर्माण वर्ष 2007 में पूर्ण हुआ. तबसे इस तटबंध पर कटावरोधी कार्य लगातार चलाये जाते रहे. ——————- इन गांवों में घुस रहा पानी ग्रामीणों ने बताया कि बांध के टूटने से उत्तरी पाटजीरवा, दक्षिण पटजीरवा, सूर्यपुर, पखनाहा, बलुआ रमपुरवा पंचायत के 50 गांव प्रभावित हो रहे हैं. पानी निचले इलाकों में फैल रहा है. ग्रामीणों ने पखनाहा बाजार तक पानी पहुंचने का दावा किया. ग्रामीणों ने बताया कि रात्रि करीब नौ बजे जल संसाधन विभाग द्वारा घोड़हिया में बनाए गए बाढ़ नियंत्रण कक्ष में प्रतिनियुक्ति अधिकारियों से यह बताया गया कि यहां से लगभग 600 मीटर की दूरी पर रिसाव हो रहा है, लेकिन वें देखने नहीं गए. ———————– चंपारण तटबंध पर बढ़ा दबाव, श्रमदान कर रहे ग्रामीण इधर रिंग बांध ध्वस्त होने के बाद चंपारण तटबंध पर दबाव बढ़ने की संभावना बढ़ गयी है. नतीजतन ग्रामीण भी किसी तरह चंपारण तटबंध को बचाने के जुगत में जुट गये है. विभागीय संवेदकों की कौन कहें स्वयं श्रमदान कर ग्रामीण तटबंध की मरम्मति में लगे है. इंजीनियर के दिशा निर्देश के अनुसार कट रहे तटबंध के समीप मिट्टी भर बोर को जाल में डालकर काम करना शुरू कर दिए हैं. मौके पर जल संसाधन विभाग के एसडीओ प्रदीप कुमार उपस्थित थे.
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