श्रीनगर. घड़ी में सोमवार की सुबह के 7.30 बजे थे. रोजाना की तरह गंडक पार के स्कूलों में तैनात शिक्षक पटजीरवा घाट पहुंच चुके थे. तैयारी उन्हें नाव से नदी पार कराने की थी. तय समय से सभी शिक्षक व शिक्षिका नाव पर सवार हुए. जरूरी काम से नदी पार जाने वाले कुछ ग्रामीण भी नाव पर बैठ गये थे. नाव अभी घाट से खुली ही थी कि अचानक नाव अनियंत्रित होकर दूसरे नाव से टकरा गई. तेज आवाज हुई और इसके साथ ही नाव पलट गई. चीख पुकार मच गया. सभी डूबने लगे. गनीमत रहा कि सुबह के समय होने चलते खेती किसानी करने पहुंचें स्थानीय ग्रामीण देवूदत बनकर नदी में कूद गये और सभी को सुरक्षित बाहर निकाल लिया. पंचायत समिति सदस्य प्रदीप चौरसिया ने बताया कि श्रीनगर के लिए छोटी नाव पर सवार डेढ दर्जन शिक्षक व शिक्षिकाएं व ग्रामीण नदी पार कर रहे थे. जैसे ही नाव का खुला कि दूसरी ओर से आ रही स्टीमर के हलकारा से शिक्षकों की नाव विपरीत दिशा में मुड़ गयी और किनारे में खड़ी एक बड़ी नाव में घुस गयी. जिससे छोटी नाव अनियंत्रित हो गयी. जिससे कुछ शिक्षक व शिक्षिकाएं पानी में गिर गये और कुछ शिक्षक शिक्षिकाएं बड़ी नाव पर चढ़कर अपनी जान बचाए. संयोग ठीक रहा कि घटनास्थल पर पानी कम था. जिससे अन्य शिक्षक बाल-बाल बच गये. हालांकि इस दौरान दो शिक्षिका पानी में डूबने लगी. जिन्हें मौके पर मौजूद ग्रामीणों के सहयोग से बचा लिया गया. वहीं पानी पीने की वजह से दोनों शिक्षिका की तबीयत बिगड़ी हुई थी. लेकिन इलाज के बाद स्थिति सामान्य है. साथ ही अन्य चोटिल शिक्षकों को एक निजी क्लीनिक में इलाज कराया गया. फिलहाल सभी शिक्षक सुरक्षित है. वहीं घटना की सूचना पाकर मौके पर पहुंची श्रीनगर पुजहा पटजिरवा की पुलिस ने घटना की जायजा लिया. गौरतलब हो कि गंडक नदी के दोआब में बसा श्रीनगर पंचायत में पहुंचने के लिए राहगीरों को ठकराहा जगीराहा घाट को पार करना पड़ता है या बैरिया प्रखंड के पुजहा पटजिरवा घाट को पार कर श्रीनगर पंचायत में जाना पड़ता है. हालांकि पुजहा पटजिरवा में नदी की चौड़ाई कम है. लेकिन बरसात के दिनों में जलस्तर में वृद्धि के दौरान नाव ही पंचायत में आने का एक मात्र माध्यम है. इन दिनों ठकराहा के तरफ से श्रीनगर पहुंचना कठिन है. क्योंकि नदी की चौड़ाई अधिक है और जल में वृद्धि के कारण छोटे-बड़े नाले पानी से भर जाते है. हालांकि ठकराहा के किसान आज भी दियारा में खेती के लिए नाव के माध्यम से जाते आते है.
———————
माले नेताओं ने जताया आक्रोशबेतिया. भाकपा माले नेता सुनील कुमार राव ने बताया कि अंचल प्रशासन की लापरवाही से बिना डाक के अवैध रुप से नदी में नाव चलाया जा रहा है. दियारा क्षेत्र के क्षेत्रों में वर्षों से शिक्षा देने जा रहे शिक्षकों/शिक्षिकाओं के लिए लाइफ जैकेट, सरकारी बोट की व्यवस्था नहीं दिया गया है. माले नेता सुरेंद्र चौधरी ने बताया कि महिला शिक्षिकाओं ने बाढ़ की विभिषिका को देखते हुए दुसरे विद्यालय में प्रतिनियोजित करने का आवेदन दिया है, लेकिन शिक्षा विभाग के पदाधिकारी इसे गंभीरता से नहीं लेतें है.
——————————-कोट…
घटना की सूचना प्राप्त हुई है. सभी लोग सुरक्षित हैं. एक शिक्षिका की स्थिति को देखते हुए उन्हें बेतिया रेफर किया गया है. जहां उनकी चिकित्सा चल रही है.मुकेश कुमार, सीओ बैरिया
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है