नरकटियागंज. गन्ने की खेती को बिहार में नया आयाम देने वाली बिड़ला ग्रुप की कंपनियों में से एक मगध शुगर एनर्जी लिमिटेड नरकटियागंज की ईकाई न्यू स्वदेशी शुगर मिल्स ने एक और उपलब्धि हासिल की है. अब यहां गन्ने की कटाई और छिलाई केन हार्वेस्टर मशीन से होगी. मिल प्रबंधन की ओर से मशीन का सफलतापूर्वक प्रदर्शन किया गया है. पिपरा के किसान तारिक बारी के खेत में लगी गन्ने की फसल की कटाई और छिलाई कर मशीन का प्रदर्शन किया गया. चीनी मिल के कार्यपालक अध्यक्ष चन्द्रमोहन ने इसकी जानकारी देते हुए बताया कि किसान तारिक बारी के खेत में गन्ने की कटाई और छिलाई का प्रदर्शन सफलतापूर्वक किया गया है. अब जल्द ही यह मशीन यहां उपलब्ध होगी. उन्होंने बताया कि कृषि कार्यो के लिए लेबर की समस्या रहती है. यहां यह समस्या गंभीर बनती जा रही है. गन्ने की खेती पूर्ण रूप से लेबर आधारित खेती है. लेबर की समस्या से निजात मिल सके मशीन से गन्ने की कटाई और छिलाई का लाभ किसान ले सकेंगे. उन्होंने बताया कि केन हार्वेस्टर मशीन गन्ना खेती में एक नई क्रांति का सूत्रपात करने वाला साबित होगा. प्रदर्शन के दौरान कार्यपालक उपाध्यक्ष राजीव त्यागी मिल उपाध्यक्ष, गन्ना विभाग के कार्यपालक उपाध्यक्ष (ईंख) कुलदीप सिंह ढाका, उपाध्यक्ष गन्ना विकास, पी के गुप्ता एवं प्रेग्मेटिक्स, नई दिल्ली के एक्सपर्ट अमित कुमार, व अन्य गन्ना विभाग के अधिकारियों व कर्मियों की मौजूदगी में मशीन का प्रदर्शन किया गया. इस दौरान बगहा चीनी मिल के महाप्रबंधक (गन्ना) बी एन त्रिपाठी और उनके सहायक श एनपी सिंह भी मौजूद रहे.
चंपारण बनेगा उद्यमियों और किसानों के लाभ का वाहक
केन हार्वेस्टर मशीन की बदौलत चंपारण चीनी मिलों और किसानों के लाभ का वाहक बनेगा. प्रदर्शन के दौरान दिल्ली से आये मशीनीकरण विशेषज्ञ डॉ दुष्यन्त बादल ने मशीन के बारे में विस्तृत चर्चा की. उन्होंने बताया यह मशीन गन्ना कृषकों के लिए समय और लागत दोनों के प्रबंधन का सशक्त माध्यम है. परंपरागत गन्ना कटाई प्रक्रिया में प्रति क्विंटल 50 से 70 रुपये तक की लागत आती है. जबकि इस मशीन के प्रयोग से लागत मूल्य में 50 प्रतिशत तक की कमी आएगी. भूसारथी कंपनी की सम्पूर्ण गन्ना कटाई और छिलाई मशीन गहन अनुसंधान के उपरांत विकसित की गयी है. मशीन चलाने में मात्र 3 से 4 श्रमिकों की आवश्यकता होती है और यह मशीन तीन से चार घंटे में एक एकड़ गन्ने की कटाई और छिलाई करने में सक्षम है.कटाई के साथ साथ दवा का भी होगा छिड़काव
इस मशीन की कई खासियत है. डाॅ दुष्यंत बादल ने बताया कि मशीन कटाई के साथ साथ पेड़ी प्रबंधन (खूंटी) से जड़ करतन (ऑफ-बारिंग), उर्वरक का प्रयोग और दवाई छिड़काव का कार्य भी करती है, जिससे पेडी फसल मे वृद्धि और पैदावार में बढ़ोतरी होती है.मशीन से गन्ने की कटाई के बाद पत्तियों की सफाई सुनिश्चित की जाती है, जिससे केवल उच्च गुणवत्ता वाला गन्ना चीनी मिल तक पहुंचता है. साथ ही, उर्वरक और फफूंदनाशक का सटीक छिड़काव गन्ने को बीमारियों से बचाता है और मिट्टी की गुणवत्ता बनाए रखता है. यह मशीन छोटे किसानों और कृषि उद्यमियों के लिए विशेष रूप से लाभकारी है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है