बेतिया. नगर निगम में टैक्स कलेक्शन में धांधली पाये जाने पर निगम बोर्ड ने एजेंसी का अनुबंध रद्द करने का प्रस्ताव पारित किया है. दावा है कि निगम बोर्ड गठन से पूर्व 13 फीसदी के कमीशन पर प्रॉपर्टी टैक्स वसूली के लिए ””””स्पैरो”””” एजेंसी का चयन हुआ था. बोर्ड ने इस कमीशन दर को अत्यधिक बताया. आरोप है कि टैक्स वसूली में तमाम गड़बड़िया मिली है. इसको लेकर बोर्ड की बैठक में सर्वसहमति के आधार पर एजेंसी का इकरानामा रद्द कर दिया गया है. महापौर गरिमा देवी सिकारिया ने इसकी जानकारी देते हुए बताया कि संपूर्ण नगर निगम क्षेत्र के कुल 46 वार्डों में उक्त आउट सोर्सिंग एजेंसी के द्वारा जारी टैक्स कलेक्शन के लिए बहुत ऊंचे कमीशन पर तीन प्लस दो कुल पांच साल के लिए चुन लिया गया था. उसमें भी वसूली में नागरिकों से वसूली की शिकायत आए दिन मिल रही थी. श्रीमती सिकारिया ने यह भी बताया कि ऐसी धांधली के अतिरिक्त एजेंसी को नगर निगम के सरकारी खर्च पर करीब नौ लाख का सॉफ्टवेयर भी दे दिया गया था. महापौर ने पारित प्रस्ताव के हवाले से यह भी बताया कि नगर निगम कार्यालय परिसर के घारी पर बड़ी संख्या में मजदूरों की तैनाती की आड़ में अरसे से जारी लूट खसोट और बंदरबांट पर रोक के लिए बोर्ड ने मजदूरों की संख्या को घटाने का निर्देश देकर प्रस्ताव पारित किया है. नगर के फुटपाथी दुकानदारों से लूट खसोट के उद्देश्य से सोवाबाबू चौक बाइक स्टैंड सहित मीना बाजार के अन्य तीन सैरातों की जारी बंदोबस्ती प्रक्रिया पर बोर्ड ने रोक का प्रस्ताव एवं विभागीय मार्गदर्शन प्राप्त करने को बहुमत से पारित किया है. महापौर ने बताया कि इसके साथ ही मीना बाजार के पास पूर्ववर्ती टांगा स्टैंड परिसर में बाइक व छोटे वाहन पार्किंग का नया स्टैंड कायम करके सघन शहरी क्षेत्र में जारी अवैध पार्किंग को रोकने के उद्देश्य से प्रस्ताव भी बहुमत से पारित किया गया है. निगम के विभिन्न जगहों पर महिला चेंजिंग रूम बनाने का प्रस्ताव पारित किया गया है. फर्जी बिल पर ईंधन भरवाने का मुद्दा गरमाया नगर निगम बोर्ड की संपन्न बैठक के बाबत महापौर ने बताया कि बोर्ड की बैठक में दिए गए ईंधन खर्च के ब्योरे में रोड स्वीपिंग मशीन, छोटा पोकलेन, फॉगिंग मशीन इत्यादि कार्य नहीं करने के बाद भी फर्जी बिल पर ईंधन भरवाया दिखाया गया है. जबकि पार्षदों द्वारा बताया गया कि बोर्ड गठन के बाद कभी काल रोड स्वीपिंग मशीन चलते हुए पाया गया है. वार्ड से संचालित गाड़ियों की अपेक्षा में निगम घारी पर डेढ़ गुना ईंधन की खपत दिखाना संदेहास्पद है. ईंधन के बहुत ज्यादा बिल करीब 37 लाख प्रतिमाह पर नियंत्रण के लिए नगर निगम के निर्धारित कचरा डंपिंग प्वाइंट के समीपवर्ती एवं नगर के किसी अन्य पेट्रोल पंप से ईंधन लेने का प्रस्ताव पारित किया गया है. ऐसा नहीं होने से नगर निगम के सरकारी कोष को लाखों का नुकसान हो रहा था.
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