अब प्राइमरी व मिडिल स्कूल की परीक्षाओं में भी दूसरे स्कूल के शिक्षक शिक्षिका बनेंगे वीक्षक
प्राथमिक व मध्य विद्यालयों में आयोजित परीक्षाओं में अब उस स्कूल की जगह दूसरे स्कूल के शिक्षक वीक्षक का दायित्व निभाएंगे.
बेतिया. प्राथमिक व मध्य विद्यालयों में आयोजित परीक्षाओं में अब उस स्कूल की जगह दूसरे स्कूल के शिक्षक वीक्षक का दायित्व निभाएंगे.वहीं उत्तरपुस्तिकाओं की जांच भी दूसरे विद्यालय के शिक्षक शिक्षिकाओं द्वारा किया जाएगा. सरकारी स्कूलों में शिक्षा गुणवत्ता की जांच परख को लेकर विभाग ने यह नई व्यवस्था लागू करने का निर्णय लिया है. इस संबंध में विभागीय अपर मुख्य सचिव ने डीईओ व डीपीओ स्थापना को नई व्यवस्था को लेकर दिशा-निर्देश जारी किया है. विभाग ने इस नई व्यवस्था को इसी माह में प्रारंभिक स्कूलों में आयोजित होने वाले अर्द्ध वार्षिक मूल्यांकन से लागू करने का निर्देश दिया है.गौरतलब हो कि प्रारंभिक स्कूलों में आगामी 18 सितंबर से ही अर्द्ध वार्षिक मूल्यांकन शुरू होना है.इससे संबंधित कार्यक्रम भी जारी कर दिया गया है. परीक्षा को लेकर तैयारियां भी जारी हैं. इस बार प्रारंभिक स्कूलों में बच्चों का मूल्यांकन बीईपी की जगह एससीईआरटी द्वारा संचालित किया जा रहा है. प्रारंभिक स्कूलों की नई परीक्षा व्यवस्था के पीछे विभाग का उद्देश्य सभी सरकारी प्राथमिक एवं मध्य विद्यालयों में पढ़ रहे बच्चों की शिक्षा गुणवत्ता की परख व शिक्षा एवं शिक्षण की गुणवत्ता में गुणात्मक सुधार करना है. अर्द्ध वार्षिक परीक्षा का परीक्षाफल यह प्रतिबिंबित करेगा कि उक्त विद्यालय के शिक्षकों द्वारा दी जा रही शिक्षा की गुणवत्ता कैसी है. शिक्षकों द्वारा किए जा रहे शिक्षण के मूल्यांकन का आधार उस विद्यालय में अध्ययन रत्त छात्र-छात्राओं के परीक्षाफल पर निर्धारित करने के लिए ही विभाग ने शैक्षणिक कार्य मूल्यांकन प्रतिवेदन तैयार करने तथा इसकी प्रविष्टि संबंधित शिक्षक के वार्षिक मूल्यांकन प्रतिवेदन में दर्ज करने का निर्णय लिया है. परीक्षाओं को लेकर विभाग की ओर से लिए गए इस निर्णय के बाद प्रारंभिक विद्यालयों में आयोजित की जानेवाली अर्द्ध वार्षिक परीक्षा का महत्व छात्र- छात्राओं के साथ शिक्षकों के लिए भी काफी महत्वपूर्ण हो गया है. इसे देखते हुए विभाग ने सभी शिक्षकों को अर्द्ध वार्षिक मूल्यांकन के पूर्व सिलेबस पूरा करने का टास्क सौंपा है. विभाग ने स्पष्ट किया है कि सिलेबस पूरा करने के लिए शिक्षक आवश्यकतानुसार अतिरिक्त अतिरिक्त कक्षा का भी आयोजन कर सकेंगे.
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