दो से 30 सितंबर तक चलेगा मिशन परिवार विकास अभियान
मिशन परिवार विकास अभियान के अंतर्गत जिले में दो से 30 सितंबर तक मिशन परिवार विकास अभियान चलेगा.
बेतिया. मिशन परिवार विकास अभियान के अंतर्गत जिले में दो से 30 सितंबर तक मिशन परिवार विकास अभियान चलेगा. इसके तहत 2 से 14 सितंबर तक दंपति संपर्क पखवाड़ा एवं 17 से 30 सितंबर तक परिवार नियोजन सेवा पखवाड़ा संपादित किया जाना है. इसकी जानकारी जिले के आशा समन्वयक राजेश कुमार ने दी है. उन्होंने बताया कि इसका उद्देश्य जनसंख्या स्थिरीकरण के प्रति जन समुदाय में जागरूकता उत्पन्न करना, परिवार नियोजन कार्यक्रम अंतर्गत उपलब्ध सेवाओं की जानकारी पहुंचाना तथा योग्य दंपतियों को इच्छित सेवा प्रदान करना है. उन्होंने बताया कि मिशन परिवार विकास के बेहतर प्रबंधन एवं अन्य विभागों से समन्वय के लिए जिला स्तर पर सिविल सर्जन एवं जिला पदाधिकारी की अध्यक्षता में संबद्ध विभाग के जिला स्तरीय पदाधिकारी/सलाहकार एवं प्रखंड स्तरीय पदाधिकारी/सलाहकार के साथ बैठक का आयोजन किया जाएगा. प्रखंड स्तर पर प्रखंड विकास पदाधिकारी की अध्यक्षता में संबद्ध विभाग के पदाधिकारी/सलाहकार के साथ समन्वय बैठक का आयोजन करने की योजना तैयार की जा रही है.
दंपतियों से संपर्क करने में आशा, आंगनबाड़ी सेविका, जीविका दीदी की होगी महत्वपूर्ण भूमिका
डीसीएम राजेश कुमार ने बताया कि समुदाय स्तर पर आमजन को उत्प्रेरित करने में आशा, आंगनबाड़ी सेविका, जीविका दीदी, विकास मित्र आदि की भूमिका महत्वपूर्ण होती है. वे घर घर व सेंटर पर जाकर परिवार नियोजन के बारे में सास-बहू सम्मेलन आयोजित करते हुए, गर्भ निरोधक दवाओं के उपयोग की जानकारी देंगी. इस पखवाड़ा को सफल बनाने के लिए सांसद, विधायक, पंचायती राज संस्था के सदस्य, शहरी स्थानीय निकाय, स्वास्थ्य कर्मी एवं सिविल सोसायटी के सदस्य से उक्त अवधि के दौरान सहयोग लिया जाएगा. जागरूकता के लिए ई-रिक्शा (सारथी) के माध्यम से रूट चार्ट के अनुसार प्रत्येक प्रखंड में प्रचार-प्रसार किया जाएगा. राज्य स्वास्थ्य समिति, बिहार द्वारा उपलब्ध कराये गये फ्लेक्स बैनर के माध्यम से भी स्वास्थ्य संस्थान एवं समुदाय में प्रचारित किया जाएगा.पीएसआई के जिला प्रतिनिधि प्रताप कोश्यारी ने बताया कि प्रत्येक माह के 21 तारीख को सभी शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र एवं अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र पर परिवार नियोजन दिवस का आयोजन किया जाता है एवं गर्भनिरोधक सामग्रियों का वितरण कराया जाता है. सभी स्वास्थ्य संस्थानों पर महिला बंध्याकरण एवं पुरुष नसबंदी के लिए आमजनों को जागरूक किया जाता है. बंध्याकरण/नसबंदी के गुणवत्तापूर्ण सेवा अंतर्गत परामर्श, चिकित्सीय जांच, पैथोलॉजी जांच इत्यादि की निःशुल्क सेवा दी जाती है. लाभार्थी को प्रत्येक अंतरा सूई पर 100/-रू० की राशि उनके खाता में हस्तांतरित की जाती है. जिला स्वास्थ्य समिति के डीपीएम अमित अचल ने बताया कि नसबंदी के लिए पुरुष लाभार्थी को 3000 रुपए एवं प्रेरक को प्रति लाभार्थी 300 रुपए प्रोत्साहन के तौर पर दिए जाने का प्रावधान है. महिला बंध्याकरण के लिए लाभार्थी को 2000 रुपए एवं प्रेरक को प्रति लाभार्थी 300 रुपए दी जाती है.
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