इंसान हो या बेजुबान, सबको सता रहा सर्दी का सितम
न्यू ईयर एक जनवरी से ही मौसम ने जो पलटी मारी है, वह दिन प्रतिदिन और भी गंभीर होती जा रही है.
बेतिया. न्यू ईयर एक जनवरी से ही मौसम ने जो पलटी मारी है, वह दिन प्रतिदिन और भी गंभीर होती जा रही है. शनिवार को पूरे दिन सूर्य भगवान के दर्शन नहीं हुए. गिरते तापमान के साथ कनकनी वाली ठंड ने आम जन जीवन को बेपटरी कर दिया है. ठंड के कारण लोगों का घरों से निकलना कम हो गया है, नतीजतन अधिकांश लोगों के आफिशियल काम पेंडिंग पड़े हैं. स्कूली बच्चे, नौकरी पेशा लोग, रिक्शे-ठेले वाले, सब की दिनचर्या ठंड की वजह से शिथिल पड़ गई है. ठंड के कारण जहां एक तरफ बाजार मंदा हैं, तो वही जीएमसीएच के साथ साथ निजी हॉस्पिटल्स, नर्सिंग होम व डॉक्टरों की क्लीनिक गुलजार है. मरीजों की भीड़ से क्लिनिक भरे पड़े हैं. जीएमसीएच के 90 प्रतिशत बेड फुल है. ठंड का दुष्प्रभाव इस कदर है कि थोड़ी सी असावधानी होने पर यह आम लोगों को मरीज बना दे रही है.
सुबह सवेरे दिखता है काले धुंए वाला आसमान
जिला प्रशासन की पहल पर नगर निगम द्वारा चयनित चौक चौराहों पर अलाव जलाकर राहगीरों को राहत तो दी जा रही है. लेकिन ऊंट के मुंह में जीरा वाली कहावत को चरितार्थ करते हुए यह कुछ घंटे तक ही लोगों को राहत दे पा रही है. नतीजतन आम जनता, जिसे जो मिला उसे जलाकर ठंड से राहत लेने का प्रयास कर रही है. लोग जलावन के रूप में टायर, थर्मोकोल के कार्टून, मिल्क रैपर्स, प्लास्टिक गुड्स का प्रयोग कर रहे है. जिससे निकल रहे कार्बन वाले धुएं से जहां एक तरफ वायु प्रदूषण हो रहा है, तो वही दूसरी तरफ यह लोगों को बीमार भी बना रहा है. सांस या अस्थमा के मरीजों के लिए यह घातक साबित हो रहा है. चिकित्सकों के मुताबिक सीओपीडी अर्थात क्रोनिक ऑब्स्ट्रक्टेड पलमोनरी डिजीज के मरीजों को इस समय विशेष सावधानी की आवश्यकता है.शीतलहर में अलाव के सहारे कट रही जिंदगी
नौतन. कड़ाके की शीतलहर और ठंड से जन जीवन अस्त व्यस्त हो गया है. अलाव के सहारे इस मौसम में जिंदगी काटने को विवश हैं ग्रामीण. तेज पछुआ हवा से कनकनी जैसा मौसम बना हुआ है. अंचल कार्यालय द्वारा चौक चौराहे पर अलाव जलाने की व्यवस्था नहीं किये जाने से आम लोगों को ठंड में परेशानी झेलनी पड़ रही है. ठंड का कहर वृद्ध और मासूम बच्चों पर पडने लगा है. ठंड से नन्हे बच्चे कोल्ड डायरिया जैसे बीमारी से ग्रसित हो रहें हैं. जनवरी के प्रारंभ में कडाके की ठंड से बचाव के लिए गाँव में जगह जगह अलाव जलाने की व्यवस्था लोग कर रहे हैं. दिनभर कुहासे में लोग ठिठुर ठिठुर कर जीवन बसर करने को मजबूर है. बच्चों को ठंड से बचाने के लिए दिनभर घर में लोग कैद किये रहते हैंनपं प्रशासन ने मुख्य जगहों पर की अलाव की व्यवस्था
लौरिया. नगर पंचायत प्रशासन ने मुख्य चौक चौराहों सहित अस्पताल थाना व कार्यालय परिसर में नगरवासियों के लिए अलाव का व्यवस्था किया गया है. लगभग डेढ़ दर्जन जगहों पर नगर पंचायत प्रशासन द्वारा अलाव की व्यवस्था कराई गई है. वहीं हर गली, चौक, चौराहे, मार्केट आदि के साथ अलाव जला रहा है. जिससे नगरवासियों में काफी खुशी है. इधर शीतलहर के चपेट में पूरा शहर है. कई दुकानें तो ठंड को नहीं खुल रही है. इस बाबत मुख्य पार्षद सीता देवी, उपमुख्य पार्षद किशोरी देवी व इओ दिनेश पुरी ने कहा कि शीतलहर बहुत अधिक बढ़ गया है. इस कारण अलाव का व्यवस्था किया जा रहा है. ठेला वाले ठेला पर लकड़ी रखकर घूम रहे हैं, जहां जहां लकड़ी कम पड़ रहा है, वहां वहां वे लकड़ी अलाव के पास रख रहे हैं. उन्होंने कहा कि शीतलहर को देखकर नगर पंचायत सभी जगहों पर अलाव की पूरी व्यवस्था की है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है