पुलिस की चुस्ती से चंद मिनटों में दबोचे गये नंदिनी ज्वेलर्स से लूट के ””लूटेरे””!
घड़ी में मंगलवार की सुबह के 11.50 बजे थे.
बेतिया. घड़ी में मंगलवार की सुबह के 11.50 बजे थे. शहर के अतिव्यवस्ततम व्यवासायिक हब के रुप में प्रसिद्ध सुप्रिया रोड (एनएच 727) स्थित नंदिनी ज्वेलर्स से आभूषणों की खरीद कर एक व्यक्ति जैसे ही बाहर निकलता है, वैसे ही बाइक सवार दो अपराधियों ने आभूषणों से भरा बैग लूट लिया और बेतिया लौरिया रोड में फरार हो गये. लूट के पीड़ित के चिल्लाने पर वहां भीड़ जमा हो गई. तत्काल टाउन थानाध्यक्ष को फोन पर सूचना दी गई और फिर शुरु हुआ पुलिस का एक्शन.
इधर शहर में लूट की सूचना मिलते ही इस सूचना को वायरलेस पर प्रसारित किया जाने लगा. पूरे जिले में सनसनी फैल गयी. इसी बीच एसडीपीओ विवेक दीप, नगर थानाध्यक्ष, मुफस्सिल थानाध्यक्ष, कालीबाग थानाध्यक्ष, बानुछापर समेत अन्य नजदीकी थानों की गाड़ी भी घटनास्थल पर पहुंच गयी. तभी जानकारी मिली कि क्यूआरटी इआरएसएस, एमईआरवी की टीम में शामिल दो जवानों ने लूट की घटना को अंजाम देकर भाग रहे बाइक सवार लूटेरों को पकड़ लिया. एसपी के निर्देश पर लूटेरों को घटनास्थल लाया गया. जहां एसपी डॉ शौर्य सुमन भी पहुंच गये. बाद में एसपी ने खुलासा किया कि यह लूट की घटना नहीं बल्कि पुलिसिंग की चुस्ती को चेक करने के लिए मॉकड्रिल थी. उन्होंने बताया कि इस मॉक ड्रील में पुलिस पदाधिकारियों की चुस्ती सामने आयी है जबकि कुछेक लोगो की लापरवाही एवं शिथिलता भी सामने परिलक्षित हुआ है. समीक्षा कर फिलहाल वैसे लापरवाह अधिकारियों से जवाब तलब किया जायेगा.पीड़ित, लूटेरा, सूचक व रक्षक की भूमिका में थी पुलिस
लूट की इस घटना में जिसके हाथ से लिफाफा झपटा गया वह पुलिस का हीं व्यक्ति था. जबकि लूटेरा बने युवकों को भी पुलिस ने ही जिम्मेवारी दी थी. एसडीपीओ स्वयं पूरे घटनाक्रम की दूर से निगरानी कर रहे थे. जैसे हीं घटना को अंजाम देने की कार्रवाई हुई. वहीं पर सिविल में मौजूद पुलिस कर्मी ने थानेदार को सूचना दी. पूरे घटनाक्रम की जानकारी केवल एसपी एवं एसडीपीओ को हीं थी.पुरस्कृत होंगे अधिकारी व जवान: एसपी
पुलिस की चुस्ती जांचने के लिए समय-समय पर ऐसे प्रयोग किये जाते हैं. इस घटनाक्रम में सक्रिय भूमिका निभानेवाले पुलिस जवानों एवं अधिकारियों को पुरस्कृत किया जायेगा.डॉ शौर्य सुमन, एसपी
एसपी को धन्वाद, बढ़ेगा व्यवसासियों को भरोसा: योगेश
एसपी डॉ शौर्य सुमन को शहर के तमाम व्यवसायियों की ओर से मैं धन्यवाद देता हूं. गुपचुप तरीके से किस प्रकार पुलिस अपना कार्य करती है, यह आज देखने को मिला. समय-समय पर ऐसा होना चाहिए. जिससे व्यवसायी और ग्राहक दोनों भय मुक्त माहौल में बाजार आकर लेनदेन कर सकें. पुलिस सुरक्षा से जहां छोटी-मोटी घटनाओं पर भी अंकुश लग जाएगा. वहीं आम लोगों की जीवन स्तर में भी सुधार होगा.योगेश कुमार सर्राफ, प्रोपराइटर, नंदनी ज्वेलर्स
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