बेतिया. बिहार निगरानी अन्वेषण ब्यूरो के स्पेशल टीम की छापेमारी के दूसरे दिन शुक्रवार को जिला शिक्षा कार्यालय तूफान गुजरने के बाद जैसा शांत दिखा. रोजाना ठेकेदारों, शिक्षकों, डीइओ के चहेतों व बिचौलियों से गुलजार रहने वाले जिला शिक्षा कार्यालय में सन्नाटा पसरा रहा. कुछ कर्मी आये भी थे तो वे आराम फरमाते दिखे. चारों तरफ भ्रष्ट व निलंबित डीइओ रजनीकांत प्रवीण के कारनामों की चर्चा होती रही. जिले में महज तीन साल के कार्यकाल में करोड़ों की संपत्ति अर्जित करने वाले डीइओ पर कार्रवाई के बाद उनके चहेतों के चेहरे से भी हवाईयां उड़ी हुई हैं. लिहाजा सभी मोबाइल स्वीच ऑफ भूमिगत से हो गये हैं.
करोड़ों के भ्रष्टाचार में लिप्त पाए गए डीइओ के विरुद्ध कार्रवाई के दौरान निगरानी टीम के द्वारा डीइओ ऑफिस में भी घंटों छापेमारी के दौरान अनेक अभिलेखों को भी देखा गया. छापेमारी के दौरान अधिकारियों ने जांच के अभी जारी होने और पुनः आने पर पूरा सहयोग करने की हिदायत दी गई. इस दौरान अधिकारी अपने मोबाइल फोन की कुछ तस्वीरों से उपस्थित लोगों के चेहरों का बड़ी गौर से मिलान करते देखे गए. हालांकि कल की छापेमारी के दौरान डीईओ ऑफिस में वर्षों वर्षों से जमे प्रायः सभी चर्चित लिपिक पकड़े जाने की आशंका को लेकर पहले ही गायब थे. वहीं आज दूसरे दिन भी सीट से 60 से 70 फीसदी कर्मी गायब दिखे. छापामारी के दौरान मिली हिदायत से सबसे ज्यादा प्रभावित डीइओ सेल और बिहार शिक्षा आधारभूत संरचना विकास निगम के इंजीनियरिंग सेक्शन में और सर्व शिक्षा अभियान के कार्यालय में बाबुओं के अकाल में सन्नाटा पसरा रहा. मिली हिदायत के आलोक में जानकार सूत्रों ने बताया कि करीब 28 करोड़ का वारा न्यारा करने से जुड़ी बेंच डेस्क सप्लाई और 2.64 लाख में समर्शेबुल बोरिंग के अलावा 1.08 लाख बजट प्रारूप वाले वॉटर स्टेशन की योजनाओं को लूट की छूट के तर्ज पर अंजाम देने को लेकर संबंधित चेहरों की होश गायब बताई गई है. इधर इंजीनियरिंग सेक्शन और संविदा पर कार्यरत प्राय: सभी कर्मियों के गायब होने के बाबत स्थापना संभाग के डीपीओ कुमार अनुभव ने बताया कि बिहार भर के ऐसे सभी कर्मियों की सेवा सरकार द्वारा स्थाई कर दिए जाने से सभी अपनी नई पोस्टिंग की युगत में लग गए हैं. वहीं एक ही साथ सबके गायब होने के प्रश्न पर समग्र शिक्षा के डीपीओ मनीष कुमार सिंह ने कहा कि आज (शुक्रवार) और कल (शनिवार) को संविदा कर्मियों के लिए काउंसिलिंग की तिथि निर्धारित होने के कारण सभी निकल गए हैं.चिंता में आपूर्तिकर्ता व ठेकेदार
आगामी 31 मार्च से पहले अपने लाखों का भुगतान पाने और पेमेंट्स कराने वाले दलालों और ठेकेदारों का मेला लगा रहने वाला डीइओ कार्यालय परिसर शुक्रवार को भी वीरान जैसा दिखा. वहीं लूट की छूट देखकर मोटी रकम कमाई की लालच में साहब और उनके बाबुओं के हाथ लुटे साधारण कुछ लोग उद्धारक की तलाश में कार्यालय परिसर में भटकते नजर आए. लेकिन उनकी सुनना तो दूर उनको पास फटकने देने वाला कोई नहीं मिल रहा था.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है