गन्ना के खेत में बाघ ने बनाया डेरा, लोगों में भय व्याप्त
पुरैनिया गांव से सटे बहने वाली कौड़ेना नदी के तट पर गन्ने के खेत में नीलगाय पर हमला कर मारने के बाद बाघ ने अपना डेरा खेत में जमा लिया है .
मैनाटाड़ . प्रखंड के पुरैनिया गांव से सटे बहने वाली कौड़ेना नदी के तट पर गन्ने के खेत में नीलगाय पर हमला कर मारने के बाद बाघ ने अपना डेरा खेत में जमा लिया है . पुष्टि करते हुए रेंजर सुनील पाठक ने बताया है कि मैनाटाड़ थाना क्षेत्र के पुरैनिया के सरेह में कौड़ेना नदी के तट पर गन्ने के खेत के पास बाघ का पगमार्क मिला है. जिससे यह क्लीयर हो गया है कि जहां नीलगाय मृत मिली है. उसी के आसपास गन्ने के खेत में बाघ है. उन्होंने बताया कि बाघ अपना किया हुआ शिकार जब तक खाता नहीं है तबतक वहां से हटता नहीं है. बाघ अपने किये हुये शिकार पर नजर बनाये रखने और खाने की प्रवृति रखता है. बाघ वीटीआर जंगल से बीस किलोमीटर भीतर रिहायशी इलाके की तरफ आ गया है. वन विभाग पूरा प्रयास कर रहा है कि बाघ जंगल की तरफ लौट जायें. स्वस्थ और युवा बाघ एक रात में चालीस किलोमीटर पैदल चल सकता है. वन विभाग पूरी तरह से मुस्तैद है. वन कर्मियों को पूरी तरह से अलर्ट कर दिया गया है. चिन्हित गन्ने के खेतों की तरफ किसी को नहीं जाने दिया जा रहा है. लोगों को कौड़ेना नदी के तट की ओर नहीं जाने की हिदायत दी गयी है. उधर बाघ के द्वारा नीलगाय के मारे जाने के बाद पुरैनिया, बसंतपुर चिउटाहा, पदमौल,धोबनी आदि गांवों के लोगों में दहशत का आलम है.
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