सोशल मीडिया पर वायरल बाघ का वीडियो वीटीआर का नहीं: निदेशक
बिहार के वाल्मीकि व्याघ्र आरक्ष के वन प्रक्षेत्रों के जंगल में वास कर रहे वन्यजीवों की तस्वीर बराबर वन विभाग द्वारा अपने सोशल मीडिया पर अपलोड किया जाता रहा है. लेकिन तीन दिनों से सोशल मीडिया पर एक अफवाह सामने आई है.
हरनाटांड़. बिहार के वाल्मीकि व्याघ्र आरक्ष के वन प्रक्षेत्रों के जंगल में वास कर रहे वन्यजीवों की तस्वीर बराबर वन विभाग द्वारा अपने सोशल मीडिया पर अपलोड किया जाता रहा है. लेकिन तीन दिनों से सोशल मीडिया पर एक अफवाह सामने आई है. जिसमें सोशल मीडिया और न्यूज चैनल्स पर वाल्मीकि व्याघ्र आरक्ष क्षेत्र में खेतों में घूमता हुआ एक बाघ दिखाया जा रहा है. यह वीडियो वाल्मीकि व्याघ्र आरक्ष के जसौली गांव और आरक्ष क्षेत्र के आस-पास का दावा कर रहा है. हालांकि वीटीआर के वन संरक्षक सह क्षेत्र निदेशक डॉ. नेशामणी के. ने खेतों में घूमते बाघ के वीडियो का पदाधिकारियों द्वारा जांच कराया. जांच में यह पाया गया कि खेतों में घूम रहे बाघ का वीडियो वाल्मीकि व्याघ्र आरक्ष क्षेत्र का नहीं है. वीडियो का असलीता बिहार के किसी अन्य क्षेत्र से है. जिसको लेकर उन्होंने एक पत्र जारी किया है. जारी किए गए पत्र में उन्होंने लिखा है कि इस वीडियो को साझा करने से वाल्मीकि व्याघ्र आरक्ष क्षेत्र के वासियों के बीच भय पैदा हो रहा है. वन संरक्षक-सह-क्षेत्र निदेशक, वाल्मीकि व्याघ्र आरक्ष बेतिया ने इस अफवाह के खिलाफ सावधानी बरतने की अपील की है. उन्होंने ग्रामीणों को भी सूचित किया है कि ऐसे अफवाहों पर विश्वास न करें और स्थानीय विकास कार्यों में निरंतर सहयोग करें. बता दें कि यह वीडियो सोशल मीडिया के साथ-साथ कुछ न्यूज चैनल पर बताया जा रहा है कि यह वीडियो वाल्मीकि टाइगर रिजर्व के दोन क्षेत्र का है. वीडियो में दिख रहा है कि गांव के समीप एक बाघ खेत में पहुंच गया. जिसे देखकर ग्रामीणों में भगदड़ मच गयी. वहीं कुछ ग्रामीणों ने लाठी डंडे लेकर दौड़ रहे है तब जाकर बाघ भागते हुए नजर आ रहा है. वीडियो के अफवाहों से बचने की जरूरत है.
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