विद्यालय का स्थानांतरण तीन किमी दूर दूसरे विद्यालय में करने से आक्रोश
लौरिया प्रखंड के साठी पंचायत अंतर्गत महादलित बस्ती धांगड़ टोली में वर्षों से चल रहे सरकारी विद्यालय को तीन किलोमीटर दूर स्थानांतरण करने पर दलितों में काफी आक्रोश व्याप्त है.
साठी. लौरिया प्रखंड के साठी पंचायत अंतर्गत महादलित बस्ती धांगड़ टोली में वर्षों से चल रहे सरकारी विद्यालय को तीन किलोमीटर दूर स्थानांतरण करने पर दलितों में काफी आक्रोश व्याप्त है. धांगड़ टोली निवासी रामायण धागड़, सिंगासन धांगड़, शिवकली देवी, शिवनाथ महतो, फूलमती देवी, सुनैना देवी, लखमीना देवी ने बताया कि पहले यहां राजकीय प्राथमिक विद्यालय धांगड़ टोली के सामुदायिक भवन में वर्षों से चल रहा था. इस बीच में आम गरमजरुआ जमीन पर फूस की झोपड़ी में विद्यालय चलने लगा और बच्चों की पढ़ाई से हम लोग बहुत खुश थे. बगल में स्कूल बनाने के लिए ईंट, बालू और सीमेंट भी गिराया गया था. यहां तक कि नींव की खुदाई भी हो गई थी. लेकिन अचानक से पांच रोज पहले प्रधान शिक्षक आए और बोले कि अब यहां विद्यालय नहीं चलेगा. इसे राजकीय प्राथमिक विद्यालय रायबरवा में स्थानांतरण कर दिया गया है. विद्यालय गांव में था तो छोटे-छोटे बच्चों को हम लोग स्कूल पहुंचाकर अपने काम धंधे में चले जाते थे. लेकिन अब मुख्य मार्ग होकर तीन किलोमीटर दूर बच्चों को भेजने में परेशानी हो रही है और बच्चे भी नहीं जा रहे हैं. वैसे भी इस बस्ती में मैट्रिक पास एक भी व्यक्ति नहीं है. हम लोगों की सरकार उपेक्षा कर रही है. वहीं इस संदर्भ में विद्यालय के प्रधान शिक्षक प्रताप चंद्र प्रसाद ने बताया कि प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी की ओर से 13 मई को जारी आदेश के आलोक में इस विद्यालय को राजकीय प्राथमिक विद्यालय रायबरवा में स्थानांतरित कर दिया गया है. जबकि धांगड़ टोली विद्यालय में प्रधान शिक्षक के साथ सहायक तीन शिक्षक राजू कुमार पाल, नंदनी कुमारी और आशा कुमारी पदस्थापित हैं. अब नामांकित कुल 73 बच्चों का भविष्य अधर में लटकने की बात ग्रामीण बता रहे हैं.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है