बेतिया/नरकटियागंज. दीपावली और छठ पूजा बीते डेढ़ माह से ऊपर हो गए, लेकिन ट्रेनों में भीड़ कम होने का नाम नहीं ले रही है. खासकर दिल्ली, पंजाब, मुम्बई, जम्मू कश्मीर आदि जगहों पर जाने वाली साप्ताहिक और दैनिक एक्सप्रेस ट्रेनों में अप्रत्याशित भीड़ उमड़ रही है. इन ट्रेनों में लोग ठूसे हुए दिखाई दे रहे हैं. बोगियों में ठेलमठेल की स्थिति है. जबकि स्टेशन पर हर रोज ट्रेन आने की भगदड़ की स्थित उत्पन्न हो जा रही है. जिसे सामान्य करने में रेल पुलिस के जवानों के पसीने छूट जा रहे हैं. सोमवार को बरौनी से बांद्रा टर्मिनल जाने वाली अवध एक्सप्रेस ट्रेन में भी अप्रत्याशित भीड़ रही. बिना रिजर्वेशन और दूसरे प्रदेशो में काम करने वाले मजदूरों को अनारक्षित डिब्बे में चढ़ने को लेकर होड़ मची रही. हालांकि ट्रेन में सवार होने को लेकर कई यात्री आपस में भीड़ भी गए लेकिन रेल पुलिस के जवानों ने उन्हें बिठा दिया. महानगरों की ओर जाने वाली प्रायः सभी ट्रेनों जिनमें साप्ताहिक और नियमित चलने वाली ट्रेनें जैसे रक्सौल से आनंद विहार जाने वाले 15273 सत्याग्रह एक्सप्रेस ट्रेन, 15653 अमरनाथ एक्सप्रेस,15001 मुजफ्फरपुर देहरादून एक्सप्रेस,12537 मंडुवाडीह एक्सप्रेस, 15051 पूर्वांचल एक्सप्रेस
12211 आनंद विहार टर्मिनल गरीब रथ, 12557 सप्त क्रांति एक्सप्रेस,15705 चम्पारण हमसफर 19040 अवध एक्सप्रेस आदि ट्रेनों से अप्रत्याशित भीड़ अपने अपने गंतव्य तक पहुंच रही है. लेकिन इसमें होने वाली भीड़ नहीं थम रही है.अनारक्षित डिब्बे को कर देते आगे रोज मचती भगदड़
नरकटियागंज जंक्शन पर पहुंचने वाली प्रायः सभी ट्रेनों के अनारक्षित डिब्बे को जहां यात्री खड़े रहते हैं. वहां नहीं रोक कर रेल थाना के आगे खड़ा कर दिया जाता है. ऐसा सभी ट्रेनों में यात्रा करने वाले यात्रियों के साथ होता है. 14 नवंबर को अंत्योदय एक्सप्रेस में हुई भगदड़ और हंगामा के पीछे भी यह एक मुख्य वजह थी. बोगियों को आगे कर दिए जाने से सैकड़ों यात्री छूट गए थे. यहीं नहीं उक्त ट्रेन में दर्जनों यात्री ट्रेन खुलने के दौरान उतरने लगे. जिन्हें रेल पुलिस के अधिकारी व जवान सकुशल उतार लिए और उनकी जान बचा ली.भीड़ होने पर रेल पुलिस होती सक्रिय
जिन ट्रेनों में ज्यादा भीड़ होती है रेल पुलिस के अधिकारी व जवान खड़ा होकर यात्रियों को ट्रेन में चढ़ाते है. यही नही यात्रियों को ट्रेन खुलने के दौरान जहा नही चढ़ने की अपील की जाती है वही किसी के जान की कीमत क्या होती है ये भी समझाया जाता है. आरपीएफ पोस्ट कमांडर चन्दन कुमार ने बताया कि जिन ट्रेनों में भीड़ अधिक होती है आरपीएफ और जीआरपी मिल कर यात्रियों को बिठाती है, यात्री सुरक्षित यात्रा कर सके इसका प्रयास किया जाता है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है