राजस्थान निर्मित 30 पेटी शराब के साथ दो तस्कर गिरफ्तार, वाहन जब्त
कम समय में अधिक पैसा कमाने के लिए सीमावर्ती उत्तर प्रदेश के साथ हरियाणा व राजस्थान में निर्मित शराब को बिहार में खपाया जा रहा है.
पिपरासी. कम समय में अधिक पैसा कमाने के लिए सीमावर्ती उत्तर प्रदेश के साथ हरियाणा व राजस्थान में निर्मित शराब को बिहार में खपाया जा रहा है. कारण कि शराबबंदी के बाद बिहार में शराब की वास्तविक कीमत से दो से तीन गुने कीमत पर बेची जा रही है. इससे तस्करों को कम समय में अधिक लाभ मिल रहा है. इसको लेकर लगातार धरपकड़ के बाद भी शराब तस्करी पर लगाम नहीं लग पा रहा है. इसका खुलासा उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा राजस्थान से शराब ले कर आ रहे शराब तस्करों के गिरफ्तारी के बाद किया गया है. सीमावर्ती कुशीनगर जिले के एसपी संतोष कुमार मिश्रा के निर्देश पर शराब की तस्करी, शराब की बिक्री व परिवहन के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान के तहत हाटा पुलिस ने 30 पेटी राजस्थान निर्मित शराब पिकअप से बिहार ले जाते जब्त किया. वहीं इटावा जिले के थाना वेदपुरा गांव राजमऊ निवासी पवन कुमार व वीरेंद्र सिंह को गिरफ्तार किया. पुलिस ने गिरफ्तार तस्करों से पूछताछ किया तो उन्होंने इस बात को स्वीकारा कि वे लोग आगरा के सीमावर्ती राजस्थान के भरतपुर जिले से शराब खरीद कर उत्तर प्रदेश के रास्ते बिहार में ले जाते है. उन्हें इस शराब की अच्छी कीमत बिहार में मिल जाती है. गिरफ्तार तस्करों के माध्यम से पुलिस यह भी जानकारी जुटाने में लगी है कि यह लोग बिहार के किस किस स्थान पर शराब की आपूर्ति करते है. उल्लेखनीय है कि बीते रविवार को खड्डा पुलिस ने बिहार-उत्तर प्रदेश बॉर्डर पर स्थित शालिकपुर पुलिस चौकी पर राजस्थान व हरियाणा निर्मित 126 पेटी शराब के साथ दो तस्करों को गिरफ्तार किया था. जो बिहार के किसी जिले में शराब को खपाने के लिए ले जा रहे थे.
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