जल मीनार के संवेदक की मनमानी के खिलाफ हंगामा, आक्रोशितों ने वापस कराया जेसीबी
प्रखंड मुख्यालय स्थित मार्केट और प्रखंड मुख्यालय से सेट गांव में जल मीनार के संवेदक के मजदूरों के द्वारा सड़क को तोड़फोड़ कर वैसे ही छोड़ देने को लेकर लोगों ने मंगलवार की देर शाम जमकर हो हंगामा किया.
मैनाटांड़. प्रखंड मुख्यालय स्थित मार्केट और प्रखंड मुख्यालय से सेट गांव में जल मीनार के संवेदक के मजदूरों के द्वारा सड़क को तोड़फोड़ कर वैसे ही छोड़ देने को लेकर लोगों ने मंगलवार की देर शाम जमकर हो हंगामा किया. वहीं मैनाटांड़ मार्केट में पाइप डालने के लिए खुदाई करने गए जेसीबी को वापस करा दिया. आक्रोशित ग्रामीण पप्पु गुप्ता, रोशन साह, विद्या प्रसाद ,राजेश सिंह, अयोध्या प्रसाद, लाल किशोर प्रसाद,अजीत कुमार, सुमित कुमार आदि ने बताया कि प्रखंड कार्यालय स्थित परिसर में पैक्स गोदाम के अहाते में जल मीनार के लिए बोरबेल कर खुदाई की गयी है. उसके बाद अभी टंकी बनने में काफी लेट है. तब तक प्रखंड मुख्यालय से सटे गांव में जो अस्पताल तक सड़क जाती है. वहीं सड़क के दोनों के तरफ हेल्टी से पीसीसी सड़क को तोड़ दिया गया है. जिससे आवागमन में काफी परेशानी हो रही है. सड़क पर ही तोड़े गये अवशेष पड़ा है. इससे लोगों को काफी परेशानी हो रही है. वहीं मैनाटाड़ मार्केट में सड़क के दोनों तरफ पेपर बलौक को उखाड़ कर खुदाई की गई है और जैसे तैसे पेपर ब्लॉक को छोड़ दिया गया है. आक्रोशित बाजार वासियों ने बताया कि हम लोगों को नल जल का कनेक्शन नहीं चाहिए. संवेदक की मनमानी के खिलाफ आक्रोशित ग्रामीणों ने जमकर हंगामा करते हुए खुदाई करने गये जेसीबी को मंगलवार की देर शाम को वापस कर दिया. साथ ही का कहा कि पहले जो पेपर ब्लॉक उखाड़ गया है, उसे ठीक करो, उसके बाद फिर देखा जायेगा. हम बाजार वासियों को नल जल का कनेक्शन नहीं चाहिए. हम लोग के घर में पूर्व से पानी की सप्लाई स्वयं का है, जो अच्छा है्. वही विगत पंद्रह साल से चार करोड़ की लागत से बना जल मीनार बेकार पड़ा हुआ है. किसी को कोई फायदा हुआ नहीं. एक तरफ़ चार करोड़ की राशि बेकार पड़ा हुआ है. वहीं दूसरी तरफ़ आरोप लगाया कि फिर से जल मीनार बनाकर सरकारी राशि का बंदरबांट करने का प्लान है. लोगों ने पूर्व से बने जल मीनार को ही चालू करने की मांग की. वही पीएचडी एसडीओ बृजमोहन सिंह ने बताया कि पेवर ब्लॉक जो हटाया गया है, उसके तुरंत बाद कनेक्शन लोगों के घरों में देना है. उसके बाद पेवर ब्लॉक और तोड़े गये सड़क को ठीक कर आगे की काम करने का निर्देश संवेदक को दिया जा रहा है. सड़क को क्षतिग्रस्त कर बिना बनाये जाने पर संवेदक पर कार्रवाई भी होगी.
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