नरकटियागंज. डमरापुर गांव निवासी दिनेश राम की पत्नी और प्रसूता तारा देवी (30) वर्ष की मौत मामले में गुरुवार को परिजन दूसरी बार अनुमंडलीय अस्पताल पहुंचे. आक्रोशित परिजनों ने अस्पताल पहुंच कर जमकर हंगामा किया. परिजन अस्पताल प्रशासन पर प्रसव के दौरान मरीज के लाये जाने पर ईलाज नहीं करने और प्रसूता को जहर वाला इंजेक्शन देकर मारने समेत कई गंभीर आरोप भी लगा रहे थे. हंगामे की सूचना पर अस्पताल के कर्मियों के अलावा चिकित्सा पदाधिकारी डाॅ रजनीकांत प्रवीण पहुंचे और परिजनों को समझा बुझा कर मामला शांत कराया गया. आक्रोशित परिजनों का कहना था कि जब वें लोग 19 नवंबर को प्रसूता तारा देवी को प्रसव के लिए अस्पताल लेकर पहुंचें तो नर्स संगीता देवी और मोनी कुमारी सोई थी. बार बार जगाने के बाद वह जागी. बिना कोई चेक किये नर्स ने इंजेक्शन दे दिया. इंजेक्शन लगते ही तारा की मौत हो गयी. परिजनों ने एक शिकायत पत्र भी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डा. रजनीकांत प्रवीण को सौंपा. इस संबंध में पूछे जाने पर डॉ रजनीकांत प्रवीण ने बताया कि हंगामा कर रहे परिजनों को शांत करा दिया गया है. उन्होंने आवेदन दिया है. मामले को वरीय अधिकारियों को अवगत करा दिया गया है. गौरतलब हो कि बीते 19 नवंबर को प्रसव के दौरान ईलाज में लापरवाही को लेकर प्रसूता तारा देवी की मौत हो गयी थी. मामले में स्वास्थ्य विभाग ने संज्ञान लिया और गायब चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. प्रशांत कुमार से बिना बताये गायब रहने को लेकर रिपोर्ट तलब कर दिया. हालांकि घटना के दो दिन बाद भी उपाधीक्षक अस्पताल में नहीं पहुंचे. इधर स्वास्थ्य प्रबंधक विपीन राज गुरुवार को अस्पताल में नजर आये.
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