देशी विदेशी पर्यटकों की पहली पसंद बना वाल्मीकिनगर टाइगर रिजर्व

वीटीआर टाइगर रिजर्व बेतिया जिला के उत्तरी भाग में नेपाल की सीमा के पास बेतिया से लगभग 110 किलोमीटर की दूरी पर अवस्थित है. यहां की कम आबादी नदी,पहाड़,चिड़िया की मधुर आवाज शांत वातावरण की मुख्य वजह है.

By Prabhat Khabar News Desk | June 24, 2024 9:34 PM

बादल श्रीवास्तव, वाल्मीकिनगर वीटीआर टाइगर रिजर्व बेतिया जिला के उत्तरी भाग में नेपाल की सीमा के पास बेतिया से लगभग 110 किलोमीटर की दूरी पर अवस्थित है. यहां की कम आबादी नदी,पहाड़,चिड़िया की मधुर आवाज शांत वातावरण की मुख्य वजह है. बगहा, वाल्मीकिनगर आया जा सकता है.बताते चलें कि यह पार्क उत्तर में नेपाल के चितवन नेशनल पार्क और पश्चिम में हिमालय पर्वत की गंडक नदी से घिरा हुआ है. इस कारण यहां पर पर्यटक बाघ, स्लॉथ बीयर, भेड़िया, हिरण, सीरो, चीते, अजगर, चीतल, सांभर, नीलगाय, भारतीय सीवेट, जंगली बिल्लियां, हॉग डियर, जंगली कुत्ते, एक सींग वाले राइनोसेरॉस तथा भारतीय भैंसे कभी कभार चितवन से चलकर वाल्मीकि नगर वनक्षेत्र में आ जाते हैं. वाल्मीकि राष्ट्रीय उद्यान भारत के बिहार के पश्चिमी चंपारण जिले में एक व्याघ्र आरक्ष है. यह बिहार का एकमात्र राष्ट्रीय उद्यान है. टाइगर रिजर्व 898.45 वर्ग किमी यानि 346.89 वर्ग मील को कवर करता है. जिले के कुल भौगोलिक क्षेत्र का 17.4 प्रतिशत है. 2022 तक, रिजर्व में लगभग 60 बाघ और शावक के होने का अनुमान है. प्रदुषण मुक्त वातावरण आज के इस दौर में जहां शहरों में प्रदूषण कारण आसमान में तारे दिखने बंद हो चुके हैं. वहीं वीटीआर रात के समय में तारों की रोशनी से जगमगा उठता है. यहां की रात इतनी साफ और शीतल होती है कि आसमान में चारों तरफ जगमगाते तारे, ठंडी हवाएं तथा मंद-मंद बहती पहाड़ी नदियों के बीच हर एक जीव की आवाज साफ-साफ सुनाई देती है. गर्मी और सर्दी में गंडक बराज का किनारा मरीन ड्राइव का अहसास देता है.ज्ञात हो कि वीटीआर का वन प्रक्षेत्र दो भागों में बंटा है. पहले डिवीजन में मंगुराहा, गोवर्धना और रघिया है, तो दूसरे डिवीजन में वाल्मीकिनगर, मदनपुर, गोनौली, हरनाटांड़ और चिउटाहा वन प्रक्षेत्र शामिल है. यहां का भौगोलिक परिदृश्य भारत के सभी टाइगर रिजर्व की तुलना में सबसे अलग है. बोले रेंजर वाल्मीकि नगर रेंजर राजकुमार पासवान ने बताया कि यहां कुछ दुर्लभ तथा विलुप्त हो रहे जानवरों का बसेरा है. इनमें क्लाउडेड लेपर्ड, बार्किंग डियर, वाइल्ड डॉग तथा कुछ अन्य जानवर हैं. इसके अलावा यहां वैसे जानवर भी हैं, जो पूरे उत्तर भारत में कहीं और नहीं देखे जाते. इनमें इंडियन गौर, और हॉग डियर शामिल हैं. वीटीआर में जंगली जीवों की विविधता और हिमालय की तलहटी में होने के कारण इसका प्राकृतिक सौंदर्य, इस टाइगर रिजर्व को देश में दूसरे रिजर्व से अलग बनाना है. बिहार का दूसरा कश्मीर है वाल्मीकिनगर देश के सभी टाइगर रिजर्व में खास है वीटीआर. यहां मई-जून की सुबह में भी ठंडक का अहसास होता है.वाल्मीकि टाइगर रिजर्व को इस नाम से भी पुकारा जाता है. यहां का अनोखा मौसम और जंगली जानवरों की विभिन्नता इसे दूसरे टाइगर रिजर्व से अलग बनाती है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Next Article

Exit mobile version