पहाड़ी नदियों में उफान से वीटीआर के बाघों का आशियाना में पानी, हाई अलर्ट जारी
सीमावर्ती देश नेपाल से जलग्रहण व तराई क्षेत्रों में लगातार तेज बारिश से वाल्मीकि टाइगर रिजर्व होकर गुजरी करीब एक दर्जन पहाड़ी नदियां के जलस्तर में उफान के बाद बाघों का आशियाना में पानी-पानी हो गया है.
हरनाटांड़. सीमावर्ती देश नेपाल से जलग्रहण व तराई क्षेत्रों में लगातार तेज बारिश से वाल्मीकि टाइगर रिजर्व होकर गुजरी करीब एक दर्जन पहाड़ी नदियां के जलस्तर में उफान के बाद बाघों का आशियाना में पानी-पानी हो गया है. नदियों के जलस्तर में वृद्धि के बाद जंगली वन्य प्राणियों की परेशानी भी बढ़ गयी है. बाढ़ के चलते वन्यजीवों के आवास और चारे की समस्या भी पैदा हो गयी है. वन्यजीव सुरक्षित स्थानों पर पलायन के प्रयास में है. वीटीआर वन प्रमंडल दो अंतर्गत वाल्मीकिनगर, मदनपुर, हरनाटांड़ वन प्रक्षेत्र के सिरिसिया, जरलहिया, नौरंगिया, रामपुर आदि जंगलों के निचले हिस्से में बाढ़ का पानी घुस गया है. मदनपुर वन प्रक्षेत्र के दिल्ली कैंप और वाल्मीकिनगर-पनियहवा रेल पुल के समीप निचले हिस्से में निवास करने वाले जंगली जानवर निकल कर ऊंचे स्थान की ओर जा रहे हैं. इसको लेकर वन विभाग की ओर से जंगली जानवरों की सुरक्षा तथा संरक्षण के लिए अधिकारियों के दिशा निर्देश पर वन कर्मियों की अलग-अलग टीम गठित कर लगाया गया है. वन प्रमंडल के साथ बेतिया वन प्रमंडल में हाई अलर्ट कर चौकसी बढ़ा दी है. वनवर्ती गांवों के लोगों के अनुसार नेपाल के जलग्रहण और तराई क्षेत्रों में बारिश होने से जंगल होकर गुजरी मनोर, भपसा, हरहा, झिकरी, रोहुआ, मसान, भलूही आदि पहाड़ी नदियां उफान पर आने के कारण जंगल के निचले हिस्से में चारों तरफ पानी फैला हुआ है. साथ ही इसके आसपास के रिहायशी क्षेत्रों में भी जलमग्न हो गए हैं.बोले वन संरक्षक
वीटीआर के वन संरक्षक सह क्षेत्र निदेशक डॉ. नेशामणि के ने बताया कि पहाड़ी और गंडक नदी का पानी निकटवर्ती जंगलों में धीरे-धीरे फैल रहा है. उन्होंने बताया किवाल्मीकिनगर, गोनौली, मदनपुर, हरनाटांड़, चिऊटाहा, मंगुराहा, गोबर्धना, रघिया वन प्रक्षेत्रों के निचले इलाकों में बाढ़ का पानी फैल रहा है. जिसको देखते हुए सभी वन क्षेत्र अधिकारियों को चौकसी बरतने का निर्देश दिया गया है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है