बाघ का लोकेशन जानने दूसरे दिन भी जुटे रहे वीटीआर के टीटी
रामनगर के रिहायशी इलाके में बाघ की चहलकदमी को लेकर सोमवार को दूसरे दिन भी उसका लोकेशन जानने को वाल्मीकि टाइगर रिजर्व से पहुंचे एक दल ने ट्रैकिंग किया.
रामनगर. रामनगर के रिहायशी इलाके में बाघ की चहलकदमी को लेकर सोमवार को दूसरे दिन भी उसका लोकेशन जानने को वाल्मीकि टाइगर रिजर्व से पहुंचे एक दल ने ट्रैकिंग किया. इस वजह से रामनगर के पश्चिम भाग के मसान नदी के समीप स्थित आधा दर्जन गांवों के ग्रामीणों में दहशत का माहौल रहा. इसको लेकर तरह-तरह की अफवाह भी फैली हुई है. कोई-कोई बाघिन के साथ दो शावकों की चर्चा कर रहा है. अधिकांश पशुपालक सरेह नहीं जा रहे. मुंडेरा गांव में ट्रैकिंग में जुटे सदस्यों ने नाम नहीं बताने को कहते हुए कहा कि उनके दल को चार पांच गांवों के खेतों में पग मार्क तो मिले. जो तीन चार दिन पूर्व के है. ताजा पग मार्क को ढूंढने को लेकर उक्त दल ने काफी मशक्कत की. बावजूद बाघ के ताजा लोकेशन नहीं मिले. नतीजतन बाघ के रिहायशी क्षेत्र से जंगल लौटने के पुख्ता सबूत भी नहीं मिल सके. जो रामनगर के दक्षिण पश्चिम क्षेत्र के लोगों के लिए चिंता का कारण बना रहा. आठ टाइगर टेकर सदस्यों के दल ने मसान नदी के पास मौजूद डैनमरवा, मुंडेरा आदि तीन चार जगहों पर ट्रैकिंग कर लोकेशन जाना. लेकिन सभी जगह पग मार्क तो मिले वे पुराने थे. उक्त दल में रघिया, चिउटाहा, मंगुराहा वन क्षेत्र के आठ सदस्य शामिल थे. बता दें कि बीते तीन दिनों से बाघ के दिखने की चर्चा जारी थी. ग्रामीणों की सूचना पर रविवार को एक रेस्क्यू दल ने मोतीपुर, बैकुंठपुर, बिलासपुर आदि गांवों में जाकर बाघ का लोकेशन ढूंढा. इसमें दो दिन पूर्व के लोकेशन मिले. इस संबंध में रामनगर वन प्रक्षेत्र के रेंजर विजय प्रसाद ने बताया कि एक दल लोकेशन के लिए तैनात हुआ है. फिलहाल कोई नया लोकेशन नहीं मिला है.
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