Video: बिहार के तिरहुत नहर में मछुआरों के जाल में फंसा मरा हुआ बड़ा मगरमच्छ, देखकर दंग रह गए लोग
Video: बगहा में मछली पकड़ने के दौरान मछुआरों के जाल में एक बड़ा मगरमच्छ फंस गया. सूचना मिलते ही वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची और शव को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया. रेंजर ने मामले की जांच कर कार्रवाई का निर्देश दिया है.
Video: बिहार के पश्चिमी चंपारण जिले के बगहा में तिरहुत नहर की 134 आरडी पर मछली पकड़ने के लिए डाले गए जाल में एक मगरमच्छ फंस गया, लेकिन जब मछुआरों ने उसे बाहर निकाला तो वह मृत पाया गया. इससे स्थानीय निवासियों और मछुआरों में काफी आक्रोश है. वन विभाग की प्रारंभिक जांच के अनुसार मछलियों को मारने के लिए नहर में जहर डाला गया था, जिसके कारण यह घटना हुई.
मछुआरों को पहले लगा फंसी है कोई बड़ी मछली
यह घटना उस समय हुई जब मछुआरों ने मछली पकड़ने के लिए नदी में जाल डाला. जाल भारी लगने लगा तो मछुआरों को लगा कि उनके जाल में कोई बड़ी मछली फंस गई है. जब जाल को बाहर निकाला गया तो उसमें मरा हुआ मगरमच्छ देखकर वे दंग रह गए. उन्होंने तुरंत पर्यावरण प्रेमी गजेंद्र यादव को इसकी जानकारी दी, जिन्होंने वन विभाग को इसकी सूचना दी.
जहर से मौत की आशंका
बगहा रेंज के रेंजर सुनील कुमार ने बताया कि मगरमच्छ की मौत का कारण नहर में डाला गया जहर हो सकता है. जहर सिर्फ मछलियों के लिए ही नहीं बल्कि अन्य जलीय जीवों के लिए भी जानलेवा साबित हो रहा है. मगरमच्छ के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है. रिपोर्ट आने के बाद मौत के असली कारणों का खुलासा होगा. वन विभाग ने इस मामले में जहर डालने वाले अज्ञात अपराधियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर ली है. रेंजर ने बताया कि दोषियों की पहचान कर उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.
स्थानीय लोगों और मछुआरों में आक्रोश
मगरमच्छ की मौत से स्थानीय लोगों और मछुआरों में भारी आक्रोश है. उनका कहना है कि ऐसी घटनाओं से न केवल जलाशयों के पर्यावरण को नुकसान पहुंच रहा है, बल्कि मछुआरों की आय का स्रोत भी प्रभावित हो रहा है. इस बीच वन विभाग ने लोगों से अपील की है कि अगर कोई नहर में जहर डालता दिखे तो तुरंत सूचना दें. यह जहर न केवल जलीय जीवन के लिए बल्कि मानव स्वास्थ्य के लिए भी खतरा है.
जलीय जीवन का संरक्षण जरूरी
पर्यावरण प्रेमी गजेंद्र यादव ने बताया कि एक दिन पहले इस नहर में जहर डाला गया था. इस बारे में वन विभाग और अन्य अधिकारियों को जानकारी भी दी गई थी. उन्होंने कहा कि इस तरह की घटनाएं पर्यावरण असंतुलन का संकेत हैं, जिन्हें समय रहते रोकना बेहद जरूरी है. वन विभाग और प्रशासन ने आश्वासन दिया है कि दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी और जलाशयों की सुरक्षा के लिए नई रणनीति बनाई जाएगी.
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