खाद्य सामग्री के बढ़े दामों से महंगी हुईं शादियां
पिछले एक वर्ष में बढ़ी महंगाई ने शादी का बजट गड़बड़ कर दिया है.
– नवंबर और दिसंबर माह के 19 दिनों में शहर में दो हजार से अधिक होंगे विवाह, बुक हैं मैरेज व गेस्ट हाउस – वैवाहिक घरों में सामान की खरीद में छूट रहा पसीना, लहसून और प्याज की कीमतों ने बिगाड़ा है जायका – 350 रुपये के पार पहुंची लहसून की कीमतें, 170 पहुंचा सरसों तेल बेतिया . शहर में इन दिनों शादियों की धूम मची है. 17 नवंबर से शुरू हुए वैवाहिक लगन के साथ ही बैंड-बाजे की आवाज गूंजने लगी है. नतीजा लग्न की खरीदारी को लेकर बाजार में चहल-पहल है. लेकिन, पिछले एक वर्ष में बढ़ी महंगाई ने शादी का बजट गड़बड़ कर दिया है. सब्जी, आटा, मैदा, दाल, तेल, धी, दूध, पनीर, मसाले समेत अन्य खाद्य के दाम में बेहिसाब वृद्धि हुई है. लिहाजा शादी वलों घरों में इन सामानों की खरीद में लोगों को पसीना छूट रहा है. लहसून और प्याज की कीमतों ने तो बुफे सिस्टम पर परोसे जाने वाले पकवानों के जायके भी बिगाड़ रखे हैं. पिछले एक साल में इन सामानों की दाम में वृद्धि की बात करें तो घी के 15 किलो के जार पर दो हजार रुपए तक की वृद्धि हुई है. पिछले वर्ष 45 से 48 रुपए लीटर बिकने वाली दूध अब 60 रुपए में मिल रहे हैं. पनीर के भाव में प्रति किलो 80 रूपये का उछाल आया है. मैदा, सूजी और आटा भी महंगे हैं. 110 तक पहुंच चुका सरसो तेल एक बार फिर 170 तक पहुंच गया है. अरहर के दाल अब डबल सेंचुरी तक पहुंच गये हैं. सब्जियों की बात करें तो थोक मंडी में भी प्याज और लहसुन का भाव आसमान पर है. सोमवार को बाजार समिति में थोक में प्याज 55 से 60 रुपये तो फुटकर मंडी में 80 रुपये किलो तक पहुंच गय. वहीं आलू 25 से 32 रुपये किलो तक बिक रहा है. फुटकर में आलू 40 रुपये किलो बिक रहा है. थोक कारोबारी दिनेश ने बताया कि डिमांड ज्यादा है. आवक कम है. इसलिए कीमतों में बढ़ोतरी दिख रही है. लहसून भी क्वालिटी के हिसा से 300 से 400 रुपये किलो तक बिक रहा है. गोभी 60-80 रुपये तो हरा मटर 180 से 200 रुपये किलो बिक रहा है. हरी सब्जी में लौकी, नेनुआ, बोड़ा, भिंडी 40 रुपये प्रति किलो के पार है. रिफाइंड ऑयल के भी बढ़े दाम शादी विवाह में सबसे से अधिक उपयोग में लाए जाने वाले रिफाइंड ऑयल के भी दाम बढ़े हैं. दो माह पहले तक 100-115 तक बिक रहा रिफाइंड ऑयल अब 145-170 रुपये पहुंच गया है. ऐसे में पूड़ियों और पापड़ को तलने में अब जेब ढ़ीली करनी पड़ रही है. दो हजार से अधिक है शादियां, 20 फीसदी बढ़ा है बजट नवंबर और दिसम्बर में कुल 19 शुभ मुहूर्त में दो हजार से अधिक शादियां होनी है. जिन घरों में शादियां हैं, उन परिवारों को लहसुन, प्याज से लेकर दाल और तेल की खरीद में महंगाई की मार झेलनी पड़ी रही है. सिर्फ खाने में बजट 20 से 30 फीसदी तक बढ़ जा रहा है. बुक हैं मैरेज व गेस्ट हाउस, प्रति प्लेट 100 रुपये बढ़े लगन वाली तिथियों में शहर के अधिकतर मैरेज व गेस्ट हाउस की बुकिंग हो चुकी है. होटल के कमरे भी अतिथियों के लिए बुक किये गये हैं. शहर के होटलों में प्रति प्लेट 400 रुपये में मिलने वाला भोजन अब 500 रुपए तक पहुंच गया है.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है