देव शिल्पी विश्वकर्मा की पूजा आज, आकर्षक ढंग से सजाए गए मोटर गैराज व वर्कशॉप
सृजन और निर्माण के देव भगवान विश्वकर्मा पूजा की तैयारी पूरी कर ली गयी है.
हरनाटांड़. सृजन और निर्माण के देव भगवान विश्वकर्मा पूजा की तैयारी पूरी कर ली गयी है. बगहा अनुमंडल क्षेत्र से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में सृजन के आदि देव भगवान विश्वकर्मा की पूजा अर्चना के लिए जगह-जगह प्रतिमा स्थापित कर पूजा करने की तैयारी है. वर्कशॉप, प्लाई मिल, आटा चक्की मिल, मोटर गैरेज, ट्रैक्टर गैरेज, मोबाइल सेंटर, हार्डवेयर, वाहन शोरूम समेत छोटे-बड़े व्यावसायिक प्रतिष्ठानों में पूजा के लिए लोग तैयारियों में जुटे हैं. छोटे-बड़े दुकान, गैराज व मदनपुर गांव स्थित विश्वकर्मा मंदिर में पूजा को लेकर साफ-सफाई एवं रंग रोगन जारी है. कई स्थानों पर प्रतिमा स्थापित किए जाने को लेकर पंडाल का निर्माण किया जा रहा है. मूर्ति खरीदने के लिए शिल्पकारों के यहां देर तक भीड़ लगी रही. वहीं दूसरी तरफ पूजा की तैयारियों को लेकर बाजार में खरीदारों की भारी भीड़ देखने को मिली. पूजा पंडालों को आकर्षक रूप से सजाने के लिए लोग फूल मालाओं, आकर्षक लाइटों व आर्टिफिशियल फूल पत्तों सहित कई सजावट के सामानों की खरीदारी करते दिखे.ऐसे करें भगवान विश्वकर्मा की पूजा
17 सितंबर को विश्वकर्मा पूजा करने का सही समय सुबह 6:7 बजे से 11:44 बजे तक है. पं. सुबोध मिश्र व अंकित उपाध्याय ने बताया कि हिंदू मान्यताओं के अनुसार भगवान ब्रह्मा जी द्वारा सृष्टि निर्माण में बाबा विश्वकर्मा ने अपना सहयोग किया था. देवी देवताओं के अस्त्र-शस्त्र का निर्माण भी बाबा विश्वकर्मा द्वारा किया गया है. सृष्टि निर्माण के बाद से ही बाबा विश्वकर्मा की पूजा अर्चना की जाने लगी. विश्वकर्मा की पूजा के लिए आवश्यक सामग्री जैसे अक्षत, फूल, चंदन, धूप, अगरबत्ती, दही, रोली, सुपारी, रक्षा सूत्र, मिठाई, फल, वस्त्र आदि की व्यवस्था कर लें. इसके बाद फैक्ट्री, वर्कशाप, दुकान आदि के स्वामी स्नान कर सपत्नीक पूजा के आसन पर बैठकर पूजा करें. श्रद्धा से पूजा करने से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है