सुबोध कुमार नंदन, पटना. गांधी मैदान स्थित स्टेट बैंक की मुख्य शाखा में 25 जनवरी को बिजनेस लोन कैंप आयोजित होने की सूचना अखबारों को प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से भेजी गयी. लेकिन, आश्चर्य है कि आयोजक स्टेट बैंक के अधिकारियों को ही इसकी जानकारी तक नहीं है.
स्टैंडअप इंडिया फाउंडेशन ने बुधवार (20 जनवरी) को प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बताया था कि वीमेंस इंटरप्रेन्योरशिप डेवलपमेंट प्रोग्राम के तहत स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के सहयोग से 25 जनवरी को बैंक के गांधी मैदान शाखा परिसर में बिजनेस लोन निबंधन कैंप का आयोजन जायेगा.
लेटर पैड पर स्टैंडअप इंडिया और स्टेट बैंक के लोगो का प्रयोग किया गया था. इस पर संदेह होने पर जब स्टेट बैंक के अधिकारियों से संपर्क किया गया, तो उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि यह समाचार पूरी तरह गलत है.
इस तरह का लोन कैंप स्टेट बैंक की ओर आयोजित नहीं किया गया है. बैंक का कहना है कि किसी तरह का आयोजन करने से पहले संबंधित संस्थान के साथ लिखित समझौता किया जाता है. इसके बाद जिस ब्रांच में आयोजन होना तय होता है, वहां के अधिकारी को लिखित में जानकारी दी जाती है.
इस तरह की संस्थाओं की कार्यप्रणाली की भी जांच की जायेगी. हमारी ओर से कोई खबर जारी नहीं किया गया है. मेरे सेल के नाम का गलत प्रयोग किया गया है. यह सब मेरे सहमति से नहीं हुआ है.
मिली जानकारी के अनुसार यह जिस संस्थान ने यह खबर जारी की है, उनका संबंध मार्केटिंग मैनेजर (एसएमइ)अनिल कुमार सिंह से है.
इस संबंध में जब सहायक महाप्रबंधक (एसएमइ केंद्र) कुमारी निवेदिता से संपर्क किया गया तो उन्होंने बताया कि जब इस संबंध में अनिल कुमार सिंह से पूछताछ की गयी तो उन्होंने कहा कि मैंने तो ऐसा नहीं कहा है.
निवेदिता ने बताया कि मार्केटिंग टीम का संस्था से क्या संबंध है, मुझे मालूम नहीं. इस संस्थान ने इससे पहले कुछ इस तरह का खेल तो नहीं किया है, इसकी भी जांच की जायेगी. इस समाचार से मेरा कोई संबंध नहीं है. मेरा लेटर पैड नहीं है. संस्थान ने पूरा लोगो ही डाला है, जो गैरकानूनी है.
स्टैंडअप इंडिया फाउंडेशन के निदेशक सुनील कुमार ने कहा कि समाचार पत्रों में खबर भेजने से पहले मार्केटिंग मैनेजर (एसएमइ) अनिल कुमार सिंह से सहमति ली गयी थी. लेकिन कार्यक्रम मौखिक तय हुआ था. मैंने लिखित में आदेश नहीं लिया, यह मेरी गलती है.
स्टेट बैंक की सहायक महाप्रबंधक (एसएमइ) कुमारी निवेदिता ने कहा कि बैंक की ओर से कंकड़बाग स्थित स्टैंडअप इंडिया फाउंडेशन कार्यालय का निरीक्षण किया गया है. उस पते पर कोई कार्यालय नहीं मिला. कानून सम्मत कार्रवाई की जायेगी. इसके लिए बैंक के उच्च अधिकारियों से राय ली जा रही है.
ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर्स एसोसिएशन के संयुक्त सचिव डीएन त्रिवेदी ने कहा कि किसी भी एनजीओ द्वारा बैंक के बिना सहमति के उसका नाम या ‘लोगो’ का दुरुपयोग कानूनी अपराध है. लेकिन निजी फायदे और बैंक के मार्केट-क्रेडिट का दुरुपयोग कर आम जनता को भ्रमजाल में फंसाने और फिर उनका आर्थिक दोहन करने का प्रचलन आम हो चला है.
ऐसी धोखाधड़ी से सतर्क रहने की जरूरत है. साथ ही संबंधित बैंक या वित्तीय इकाई से संपुष्टि के बाद ही किसी एनजीओ पर भरोसा करें.
बिहार महिला उद्यमी संघ की अध्यक्ष उषा झा ने कहा कि बिहार में स्टैंडअप इंडिया ने नाम पर सैकड़ों संस्थाएं काम कर रही हैं. अगर कोई संस्था महिला उद्यमियों को लोन उपलब्ध कराने के लिए सूची तैयार करती है तो बिहार महिला उद्योग संघ से जरूर संपर्क करती है और उद्यमी के बारे में जांच-पड़ताल करती है.
स्टैंडअप इंडिया फाउंडेशन के किसी अधिकारी ने संघ से संपर्क नहीं किया है. बैंकों को किसी संस्था के माध्यम से लोन कैंप का आयोजन करने से पहले संस्था के बारे में गहन जांच-पड़ताल करनी चाहिए.
भारतीय स्टेट बैंक के सहायक महाप्रबंधक (जनसंपर्क) दिनेश कुमार सिंह ने कहा कि स्टेट बैंक के संज्ञान में ऐसा आया है कि कुछ लोग जालसाजी कर जनता को भ्रामक और गलत सूचना पहुंचा रहे हैं कि एसएमइ, शाखा गांधी मैदान पटना की ओर से स्टैंडअप बिजनेस लोन के लिए निबंधन कराया जा रहा हैं.
यह पूरी गलत हैं. स्टेट बैंक, एसएमइ शाखा की ओर से कोई स्टैंडअप बिजनेस लोन के लिए निबंधन नहीं कराया जा रहा हैं. ऐसे धोखेबाजों से सावधान रहने कि जरूरत है.
Posted by Ashish Jha