NGT के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में दायर किया जाएगा SLP, विभाग से जिला प्रशासन ने मांगी अनुमति

काजवलीचक ब्लास्ट मामले में एनजीटी ने गत 27 मई को ही यह आदेश दिया था कि घटना में मृतक व घायलों को एक महीने में मुआवजा दें. जिलाधिकारी को ई-मेल से मिले आदेश के बाद सरकार से इस पर दिशा-निर्देश मांगा गया.

By Prabhat Khabar News Desk | August 26, 2022 9:35 PM

भागलपुर: काजवलीचक ब्लास्ट मामले में एनजीटी ने गत 27 मई को ही यह आदेश दिया था कि घटना में मृतक व घायलों को एक महीने में मुआवजा दें. जिलाधिकारी को इ-मेल से मिले आदेश के बाद सरकार से इस पर दिशा-निर्देश मांगा गया. इस पर यह कहा गया कि एनजीटी के आदेश के विरुद्ध सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर करने का निर्णय लिया गया है. इस वजह से अभी तक किसी भी मृतक के आश्रितों व घायलों को मुआवजे की राशि नहीं दी गयी है.

बोले जिलाधिकारी…

जिलाधिकारी सुब्रत कुमार सेन ने बताया कि एप्रूवल मिलने के बाद एसएलपी दायर किया जायेगा. इसका समन्वय जिला के स्तर से होगा. फिर सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार अनुपालन किया जायेगा. उक्त घटना पर एनजीटी ने अधिकारियों द्वारा प्रस्तुत तथ्यों के आधार पर सुनवाई की थी. इसमें यह उल्लेख किया गया था कि मृतकों की संख्या 15 और गंभीर रूप से घायल व्यक्तियों की संख्या आठ थी.

घटना में मृतक लोगों की सूची

  • लीलावती देवी, पति स्व शंकर मंडल

  • पिंकी देवी, पति दिलीप मंडल

  • प्रियांशु कुमार, पिता दीपक मंडल

  • अयांश कुमार, पिता संतोष कुमार

  • महेंद्र मंडल, पिता स्व छट्टू मंडल

  • शिला देवी, पति महेंद्र मंडल

  • नंदिनी देवी, पिता महेंद्र मंडल

  • सुनील उर्फ गोरे मंडल, पिता महेंद्र मंडल

  • राज कुमार साह, पिता स्व भगवान साह

  • राहुल कुमार उर्फ रोहित, पुत्र राज कुमार साह

  • आरती देवी, पति संतोष कुमार

  • मून, पिता मनोज मंडल

  • गणेश सिंह, पिता मोबली सिंह

  • उर्मिला देवी, पति बैजनाथ साह

  • आयशा मंसूर, पिता मो मंसूर

जगी मुआवजा की उम्मीद

काजवलीचक विस्फोट की घटना के पांच माह बाद पीड़ितों को मुआवजा मिलने की उम्मीद आश्रितों में जग गयी है. रिंकु देवी अपने पति, सास-ससुर, ननन व भांजा को विस्फोट में खो चुकी है, जो शुक्रवार को मुआवजा मिलने की उम्मीद लिए नाथनगर स्थित मायके से विस्फोट स्थल स्थित काजवलीचक पहुंची थी. वहीं गणेश सिंह की पत्नी पुतुल देवी अपने परिवार को लेकर एक कमरा बना कर जीने के लिए संघर्ष कर रही है.

पीड़िता ने बताई अपनी व्यथा

रिंकु देवी ने बताया कि उनके रहने का ठिकाना नहीं बचा है. पति सुनील मंडल, ससुर महेंद्र मंडल, सास शीला देवी, ननद नंदिनी, भांजा मुन को खो चुकी है. सुनील मंडल अपने पीछे चार साल का लड़का भी छोड़ गये. जीने की चाह नहीं होती, लेकिन बच्चे को देख कर जीना पड़ रहा है. जीने के लिए आशियाना छीन गया. सरकार की ओर से जो भी मदद दी जा रही है, वो काफी है. यह घटना जानबूझ कर नहीं हुई. पूरा परिवार खो चुकी हैं. गणेश सिंह की पत्नी पुतुल देवी ने बताया कि गणेश सिंह दो लड़का और चार लड़की को अपने पीछे छोड़ गये. तीन लड़की की शादी हो गयी है. सरकार जो भी दे रही है, उससे घर को सुरक्षित करने और बेटा को रोजगार देने में सुविधा होगी. वहीं विस्फोट स्थल के समीप अन्य पीड़ित परिवार ने बोलने से मना कर दिया.

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